(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bhaum Pradosh 2021: शिव जी को समर्पित भौम प्रदोष व्रत आज, हनुमान जी के इन मंत्रों के जाप से हर मनोकामना होगी पूर्ण
Bhaum Pradosh 2021: हिंदू धर्म में जहां सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है और बुधवार का दिन गणेश जी को उसी प्रकार मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है.
Bhaum Pradosh Mantra 2021: हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है. जहां सोमवार का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है और बुधवार का दिन गणेश जी (Ganesh Ji) को उसी प्रकार मंगलवार का दिन हनुमान जी (Hanuman Ji Puja On Tuesday) को समर्पित है. इस दिन हनुमान जी का पूजन करने से सभी तरह के कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं. आज मंगलवार के साथ-साथ भौम प्रदोष व्रत भी रखा गया है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होते हैं. मंगलावर के दिन पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2021) कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ हनुमान जी की पूजा और उपासना की जाती है.
मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं. इतना ही नहीं, भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. माना जाता है कि भौम प्रदोष व्रत के दिन रुद्रावतार हनुमान जी का भगवान शंकर के साथ पूजन करना विशेष फलदायी होगा. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि भौम प्रदोष व्रत के दिन हनुमान जी का पूजन करने से मंगल ग्रह संबंधी दोषों से मुक्ति मिलती है. तो चलिए आपको बताते हैं हनुमान जी के कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में जिन्हें भौम प्रदोष व्रत के दिन जपने से संकट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
भौम प्रदोष व्रत हनुमान जी मंत्र (Bhaum Pradosh Vrat Hanuman Ji Mantra)
1-हनुमान जी का बीज मंत्र –
-ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नमः।
मान्यता है कि हनुमान जी के बीज मंत्र का मंगलवार या भौमप्रदोष के दिन जाप करने से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते है. और भक्तों के सारे संकट दूर करते हैं.
2- हनुमान अष्टदशाक्षर मंत्र –
-नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा।
हनुमान जी के अठारह अक्षरों वाला सिद्द मंत्र बड़ा फलदायी है. कहते हैं कि आज के दिन इसका जाप करने से सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
3- ज्ञान औ बुद्धि की प्राप्ति का मंत्र
मनोजवं मारुतुल्यवेगं जितेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।
हनुमान जी को बल, बुद्दि का दाता कहा जाता है. खासतौर से विद्यार्थियों को उनके इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.
4- बल और पराक्रम प्राप्ति का मंत्र
अतुलित बलधामं, हेमशैलाभदेहमं। दनुजवनकृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुण निधानं, वानराणामधीशम्। रघुपतिप्रिय भक्तं वातजातम् नमामि।।
5- रोग और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का मंत्र
-ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय,
सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
रोग, बाधा और शत्रुओं का नाश करने के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करें.