Bhaum Pradosh 2021: आज है भौम प्रदोष व्रत, इस समय भगवान शिव की पूजा करने से मिलता है व्रत का पूरा फल, जानें व्रत महत्व
Bhaum Pradosh Vrat 2021: कार्तिक मास की त्रयोदशी के दिन जहां देशभर में धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर शिव भक्त भौम प्रदोष व्रत रखे हुए हैं.
Bhaum Pradosh Vrat 2021: कार्तिक मास की त्रयोदशी (Kartik Month Triyodashi) के दिन जहां देशभर में धनतेरस का त्योहार (Dhanteras 2021) मनाया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर शिव भक्त भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2021) रखे हुए हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2021) रखते हैं. कहते हैं कि भगवान शिव (Bhagwan Shiva) को प्रदोष व्रत अति प्रिय हैं, और इन्हें रखने से भोलेशंकर जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. आज 2 नवंबर मंगलवार का दिन होने कारण प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ हनुमान जी का भी आशीर्वाद मिलता है.
मान्यता है कि कुंडली में मौजूद मंगल (Mangal In Kundali) की कमजोर स्थिति इस व्रत को करने से मजबूत हो जाती है. इसलिए वे लोग इस दिन व्रत और कुछ उपाय अवश्य करें जिनका मंगल कमजोर है या कुंडली में मंगल दोष (Mangal In Kundali Dosh) है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा प्रदोष काल (Pradosh Kaal) में करना ही बेहतर होता है. वहीं, आज के दिन धनतेरस का त्योहार भी मनाया जा रहा है. आज का दिन बेहद शुभ है. आइए जानते हैं व्रती को प्रदोष व्रत की पूजा (Pradosh Vrat Puja) किस समय करनी चाहिए और व्रत का महत्व के बारे में.
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Shubh Muhurat 2021)
भौम प्रदोष व्रत तिथि 2 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से प्रारंभ होकर, 3 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 32 मिनट पर समापन होगा. भौम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय शाम 06 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 49 मिनट तक है. ज्योतिषियों के अनुसार, कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि के दिन सूर्योदय से पुष्कर व सिद्ध योग रहेगा. जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है.
प्रदोष व्रत महत्व (Pradosh Vrat Importance)
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यंत महत्व है. कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत्त तरीके से पूजा करने और अराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. कहते हैं कि अगर सच्चे दिल से भगवान शिव की अराधना की जाए, तो वे शीघ्र प्रसन्न होकर मनचाहा फल देते हैं और भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत का पालन करने पर भगवान शिव और मां पार्वती भक्तों की सभी आध्यात्मिक और सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं. इतना ही नहीं, किसी बड़े रोग से ग्रसित होने पर व्यक्ति ठीक होने लगता है. कहते हैं कि प्रदोष व्रत बड़े चमत्कारी होते हैं.