भगवान शिव के प्रिय व्रत में से एक प्रदोष व्रत कल यानी 15 मार्च, मंगलवार के दिन रखा जाएगा. मंगलवार होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जानते हैं. भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के हनुमान जी की पूजा भी की जाती है. इस दिन बजरंग बली का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी को भौम प्रदोष व्रत पड़ रहा है. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. आइए जानें प्रदोष व्रत के पूजन सामग्री और पूजन विधि के बारे में. 


प्रदोष व्रत पूजन विधि 


भौम प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें. स्नान आदि से निविर्त होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद भोलेशंकर का ध्यान करें और मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. संभव हो तो इस दिन व्रत करें. शिवलिंग पर गंगा जल, पुष्प अर्पित करें. इस दिन विधि-विधान के साथ ही मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है. लेकिन पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा से करें. 


भोलेनाथ को भोग लगाएं. भोद लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि भगवान शिव को सिर्फ सात्विक भोजन का ही भोग लगाएं. आखिर में भगवान शिव की आरती और मंत्र जाप करें. इस दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान का ध्यान करें. 


प्रदोष व्रत पूजन सामग्री 


भौम प्रदोष व्रत की पूजा के लिए पुष्प, पंच फल, पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें. 


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