Bhediya: भेड़िया (Wolves) का खौफ इन दिनों सिर चढ़कर बोल रहा है. भेड़िया एक मांसाहारी जानवर है. ये रात में अधिक सक्रिय हो जाते हैं. जिस कारण भेड़िया को लेकर कई तरह की कहानियां समाज में प्रचलित हैं. कहते हैं कि भेड़िया अमावस की रात अधिक खतरनाक हो जाते हैं. हिंदू धर्म में अमावस्या की रात भूत-प्रेत, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं.


हिंदू धर्म में चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की आखिरी अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहते हैं, जो साल में एक बार आती है. मान्यता है कि अमावस की रात को घर से नहीं निकलना चाहिए. इस रात बुरी शक्तियां प्रभावी हो जाती है और जो इनकी गिरफ्त में आ जाता है, उसे जीवन में बुरे परिणाम भुगतने पड़ते हैं.


अमावस की रात में जंगलों में रहने वाले भेड़िया तेज आवाज में आसमान की तरफ मुंह करके चिल्लाते हैं. मान्यता है कि इस काली रात में बुरी शक्तियां भेड़ियों को प्रभावित करती हैं, जिस कारण भेड़िया आकर्षित होकर चिल्लाते हैं. ये आवाजें बेहद डरावनी होती हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि अवामस की रात में इनकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है.


भेड़िया झुंड में करते हैं शिकार
भेड़िया (Wolves) एक जंगली जानवर है, जो झुंड में शिकार करते हैं. एक-दूसरे से संपर्क साधने के लिए ये जानवार खास तरह की आवाजें निकालते हैं जो सुनने में बेहद डरावनी लगती है. भेड़िये शिकार करने में इस कदर माहिर होते हैं कि शिकार को पता भी चलने नहीं देते और पलक झपकते ही हमला कर देते हैं.


आम दिनों की तुलना में अमावस की रात भेड़िये काफी ज्यादा खूंखार हो जाते हैं. शिकार करने की क्षमता इनमें कई गुना बढ़ जाती है. ये दूर से ही अपने शिकार को सूंघ लेते हैं और घात लगाकर आसानी से उसका शिकार कर लेते हैं. ये झुंड में हो तो शेर का भी शिकार करने की क्षमता रखते हैं.


भेड़िये का जिक्र ऋग्वेद में भी मिलता है
ऋग्वेद में ऋज्राश्व को उसके पिता के द्वारा सजा के रूप में अंधा कर दिया गया था क्योंकि ऋज्राश्व ने अपने परिवार की 101 भेड़ों को एक मादा भेड़िये (Wolves) के हवाले कर दिया था. हिंदू पौराणिक कथाओं में भी भेड़िया का उल्लेख किया गया है. हिंदू पुराणों में भेड़िये को भगवान शिव से भी जोड़कर देखा जाता है. जो अमावस्या की रात को बुरी शक्तियों से प्रभावित होकर काफी उग्र हो जाता है.


वहीं इस जानवर पर अध्ययन करने वालों का मनाना है कि अमावस्या (Amavasya) की रात को चंद्रमा की रोशनी न के बराबर दिखाई देती है, जिससे वातावरण में काफी अंधेरा हो जाता है. भेड़िये, प्राकृतिक रूप से एक जंगली जानवर है, जिसे अंधेरे में शिकार करना पसंद होता है. अपने इस शिकार करने के आचरण की वजह से लोगों ने इसे एक मिथक से जोड़ दिया है. 


कई संस्कृतियों में रात के घुप्प अंधेरे को अशुभ माना जाता है. जिसमें अमावस की रात का विशेष महत्व है. अमावस्या (Amavasya) की रात को जादूई और नकारात्मक शक्तियों से जोड़कर देखा जाता है. पहले के जमाने में रोशनी की व्यवस्था आज के दौर की तरह नहीं थी, इसलिए जंगली और खूंखार जानवर रात के अंधेरे में दिखाई नहीं देते थे, इस कारण दुर्घटनाएं हो जाती थी. लोग रात्रि में कम से कम निकले इसलिए इस तरह के मिथ बढ़ते चले गए.


भेड़िया का क्या वाकई में अमावस की रात से कोई कनेक्शन है?
भेड़िया की भयावहता और अमावस्या के बीच का कनेक्शन एक मिथक है. जानकार की मानें तो यह मिथक रात के अंधेरे, और धार्मिक मान्यताओं के कारण लोगों के बीच में प्रचालित हुई. हालांकि जानकार बताते हैं कि वेद-पुराणों में भेड़ियों (Wolves)  का उल्लेख जरूर है लेकिन अमावस्या की रात से इनका कनेक्शन लोगों द्वारा प्रचलित सिर्फ एक मिथक है. 


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