Birbal Ke Kisse in Hindi: बादशाह अकबर के दरबार में कई लोग थे. लेकिन सभी की जुबां पर केवल बीरबल का ही नाम होता था. इस तरह के दरबार में केवल बीरबल का ही बोलबाला था.


बीरबल की चतुराई, बुद्धि और सूझबूझ से ही वे अकबर के दरबार के मंत्री थे और उन्हें बहुत खास थे. हालांकि अकबर का खास होने के कारण बीरबल से कई लोगों को जलन भी थी. इसमें अकबर के साले साहब भी एक थे. अकबर के साले साहब बीरबल को नीचा दिखाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते थे. लेकिन एक बार उन्हें खुद ही मुंह की खानी पड़ी.



बीरबल के किस्से: बीरबल की योग्यता की कहानी


बीरबल के किस्से में आज आपको बताएंगे अकबर-बीरबल से जुड़ी ऐसी कहानी के बारे में, जिसमें एक बार फिर से बीरबल ने अपनी योग्यता साबित कर बादशाह अकबर का दिल जीत लिया.


अकबर ने ली साले साहब की परीक्षा


एक दिन किसी कारण बीरबल दरबार नहीं पहुंचे. ऐसे में बीरबल की गैरमौजूदगी में अकबर के साले साहब ने उनसे बीरबल के दीवान पद की मांग कर डाली. बेगम का भाई होने के कारण अकबर भी उसे कुछ कह नहीं पाते थे. तब अकबर ने अपने साले साहब की परीक्षा लेने की सोची. उन्होंने साले साहब से कहा, शायद महल के पीछे बिल्ली ने बच्चे दिए हैं. आज सुबह मुझे बिल्ली के बच्चों की आवाज सुनाई दे रही थी. तुम जाकर देखकर आओ कि क्या यह बात सच है?


बादशाह का आदेश मिलते ही साले साहब तुरंत महल के पीछे गए और वापस आकर कहा, जी आपकी बात सच है, महल के पीछे एक बिल्ली ने बच्चों को जन्म दिया है. अकबर ने कहा, अच्छा, ये बताओ कि बिल्ली ने कितने बच्चों को जन्म दिया है. साले साहब ने जवाब में कहा- ये तो मुझे नहीं पता. लेकिन अभी पता लगाकर आता हूं. साले साहब फिर से महल के पीछे गए और वापस आकर कहा, जी, बिल्ली ने पांच बच्चों को जन्म दिया है.


अकबर ने पूछा, अच्छा, उन पांच बच्चों में से कितने मादा और कितने नर बच्चे हैं. साले साहब ने कहा, यह तो देखा ही नहीं, मैं अभी देखकर आता हूं. इसके बाद वे फिर महल के पीछे गए और वापस आकर कहा, बादशाह, बिल्ली के पांच बच्चों में से तीन नर और दो मादा बच्चे हैं. अकबर ने फिर से एक सवाल पूछा कि, बिल्ली के नर बच्चे किस रंग के हैं. इसके बाद साले साहब ने फिर से वही कहा कि, मैं अभी देखकर आता हूं और वे महल के पीछे जाने लगे. तभी अकबर उसे रोकते हुए कहा, रहने तो अब बैठ जाओ.


बीरबल ने दिखाई अपनी योग्यता


इतनी देर में बीरबल भी वहां पहुंच गए. अकबर ने बीरबल से भी वही कहा कि, महल के पीछे बिल्ली ने बच्चों को जन्म दिया है, जरा देखकर आओ कि क्या यह सही है. बीरबल ने कहा, जाहंपनाह मैं अभी देखकर आता हूं. इसके बाद बीरबल महल के पीछे चले गए.


वापस आकर बीरबल ने अकबर से कहा कि, जी जाहंपनाह, बिल्ली ने बच्चों को जन्म दिया है. बादशाह ने बीरबल से पूछा, अच्छा बिल्ली कितने बच्चों को जन्म दिया है. बीरबल ने तुरंत जवाब देते हुए कहा, जी पांच बच्चों को. इसके बाद अकबर ने फिर से सवाल किया, बिल्ली के बच्चों में से कितनी मादा और कितने नर बच्चे हैं. बीरबल ने तुरंत जवाब देते हुए बताया कि तीन नर और दो मादा है.अकबर ने बीरबल से सवाल किया कि बिल्ली के नर बच्चे किस रंग के हैं. बीरबल ने झट से कहा कि, दो नर बच्चों का रंग काला और एक का बादामी है. 


शर्म से झुक गया साले साहब का सिर


बीरबल और अकबर की ये सारी बातें पास में बैठे उनके साले साहब भी सुन रहे थे. बीरबल के जवाब देने के बाद जब बादशाह अकबर ने अपने साले की तरफ देखा और पूछा कि, तुम्हारा इस बारे में क्या कहना है. इसके बाद साले साहब को अपनी गलती का अहसास हुआ और शर्मिंदगी से उनका सिर झुक गया.


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