मस्तिष्क रेखा को यूं तो बुद्धि रेखा पुकारा जाता है लेकिन यह भावनात्मकता को भी बखूबी बताती है. इससे जान सकते हैं कि व्यक्ति सृजनात्मक कार्याें में अधिक रुचि लेने वाला है या तार्किकता में पक्का है. मस्तिष्क रेखा हाथ की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण रेखा होती है. जीवन रेखा के बाद इसे महत्व दिया जाता है. यह रेखा जितनी सीधी होती है व्यक्ति उतना अधिक तार्किक होता है. जितनी अधिक लंबी होती है उतना अधिक बुद्धिमान होता है.


भावनात्मकता और सृजनात्मकता उन लोगों में ज्यादा होती है जिनकी मस्तिष्क रेखा सीधे बढ़ने की बजाय घुमाव लेकर नीचे की ओर अर्थात् चंद्र पर्वत की ओर बढ़ती है. कलाकार, लेखक, कवि, साहित्यकार, चित्रकार, मूर्तिकार अथवा नई खोज करने वाले विज्ञानी सभी के हाथ में मस्तिष्क रेखा घुमावदार चंद्र पर्वत की ओर बढ़ती हुई होती है.


वर्तमान दौर में तार्किक बुद्धिमत्ता से महत्वपूर्ण सृजनात्मक बुद्धि को महत्व दिया जाने लगा है. कारण ये है कि नए आइडिया सृजनात्मक सोच से ही उभरते हैं. मस्तिष्क सृजनात्मकता को बता रही है तो ऐसे व्यक्ति कई बार अकादमिक शिक्षा में बहुत अच्छा नहीं कर पाते हैं. इन्हें इस से चिंतित नहीं होना चाहिए. स्वयं में मौजूद कला और क्रिएटिविटी पर मेहनत करना चाहिए. सृजनात्मता बेहतर भविष्य गढ़ती है.


संतुलित घुमावदार रेखा भावनात्मकता में भी बेहतर बनाती है. ऐसे लोग अच्छे प्रेमी होते हैं. अपनी बात को अच्छे से रख पाते हैं. प्रबंधन से जुड़े लोग भी भावनात्मक संतुलन से सफलता पाते हैं.