Sawan 2024: सावन मास भगवान शिव (Shiv Ji) को समर्पित है. मान्यता है कि इन दिनों में भक्तिभाव से शिव आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.


पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब कालकूट नाम का जहर निकला तो देव और दानव दोनों उससे भयभीत हो गए और कोई भी उसको लेने के लिए तैयार नहीं था.


इसके साथ इस विष से चारों और हाहाकार मच गया था. दसों दिशाएं इस विष से जलने लगी थी. देव, दानव, ऋषि-मुनि सभी इसकी गरमी से जलने लगे.


इसलिए सभी महादेव (Mahadev) के पास गए और उनसे इस सृष्टि को बचाने की प्रार्थना की. भोलेनाथ विष को ग्रहण करने के लिए तैयार हो गए.


घर में छोटा सा ही शिवलिंग रखना चाहिए


देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां घर में नहीं रखनी चाहिए, लेकिन शिवलिंग रख सकते हैं, क्योंकि शिवलिंग को निराकार स्वरूप माना गया है. इस कारण इसे खंडित नहीं माना जाता है.


टूटा शिवलिंग भी पूजनीय होता है. ध्यान रखें घर में ज्यादा बड़ा शिवलिंग (Shivling) नहीं रखना चाहिए. घर में छोटा शिवलिंग रखना शुभ रहता है. हमारे अंगूठे के पहले पोर से बड़े आकार का शिवलिंग घर में रखने से बचना चाहिए.


शिवजी के साथ ही गणेश जी (Ganesh Ji), माता पार्वती, नंदी की भी मूर्तियां जरूर रखें. पूजा की शुरुआत गणेश पूजन (Ganesh Pujan) से करना चाहिए.


सावन के नियम (Sawan Ke Niyam)


शास्त्रों के अनुसार सावन माह (Sawan Maas) में भक्तों को बैंगन खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि कई लोग इस सब्जी को अशुद्ध मानते हैं. इसके अलावा इस दौरान व्रत रखने वाले लोगों को दूध (Milk) का सेवन भाी नहीं करना चाहिए.


इसके पीछे धार्मिक मान्यता ये है कि दूध से भोले बाबा का अभिषेक किया जाता है इसलिए इसका सेवन वर्जित है. इस महीने में भक्तों को मास-मदिरा तथा प्याज-लहसुन के सेवन से भी परहेज करना चाहिए.


सावन सोमवार आर शिव पूजा का महत्व (Sawan Somwar Vrat)


सावन (Sawan) महीने के प्रत्येक सोमवार को शिव की पूजा करनी चाहिए. इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव के ध्यान से विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकता है.


यह व्रत भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए किये जाते हैं. व्रत में भगवान शिव का पूजन करके एक समय ही भोजन किया जाता है. साथ ही साथ गले में गौरी-शंकर रूद्राक्ष धारण करना भी शुभ रहता है.


भोले बाबा सभी देवो में सबसे सरल और भोले माने गए हैं. इन्हें हिंदू धर्म (Hindu Dharam) में बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा जाता है. माना जाता है कि सावन में शिव जी (Shiv Ji) का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर और कुवारें लड़कों को मनचाही वधु की प्राप्ति होती है.


यदि आपने भी भोले बाबा (Bole Baba) को प्रसन्न करने के लिये सावन सोमवार का व्रत रखा है तो बताए गए शुभ मुहूर्त में जल चढ़ाएं पूरा श्रावण मास (Shrawan Maas) जप,तप और ध्यान के लिए उत्तम होता है, लेकिन इसमें सोमवार का विशेष महत्व है.


सोमवार का दिन चन्द्र ग्रह (Moon) का दिन होता है और चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं. अतः इस दिन पूजा करने से न केवल चन्द्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है.


कोई भी व्यक्ति जिसको स्वास्थ्य की समस्या हो, विवाह की मुश्किल हो या दरिद्रता छाई हो. अगर सावन (Sawan) के हर सोमवार को विधि पूर्वक भगवान शिव की आराधना करता है तो तमाम समस्याओं से मुक्ति पा जाता है.


सोमवार और शिव जी के सम्बन्ध के कारण ही मां पार्वती ने सोलह सोमवार का उपवास रखा था.सावन का सोमवार विवाह और संतान की समस्याओं के लिए अचूक माना जाता है.


भगवान शिव (Lord Shiv) की पूजा के लिए और खास तौर से वैवाहिक जीवन के लिए सोमवार की पूजा की जाती है. अगर कुंडली (Kundli) में विवाह का योग न हो या विवाह (Vivah) होने में अडचने आ रही हों तो संकल्प लेकर सावन के सोमवार (Sawan Somwar) का व्रत किया जाना चाहिए.


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