Vaishakh Purnima 2021: बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए बुद्ध पूर्णिमा का पर्व खास महत्व रखता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. हिंदू पंचांग के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर साल वैशाख पूर्णिमा को मनाया जाता है. इसी कारण से इसे वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है. बौद्ध धर्मावलंबियों और हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों में यह मान्यता प्रचलित है कि भगवान बुद्ध का जन्म इसी दिन हुआ था, तथा इसी दिन इन्हें ज्ञान भी प्राप्त हुआ था.


यह भी कहा जाता है कि वैशाख पूर्णिमा की तिथि को गौतम बुध का महानिर्वाण भी हुआ था. इस सभी वजहों से यह तिथि इतिहास और आस्था के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह पर्व न कि केवल भारत में ही बल्कि पूरे विश्व में बौद्ध धर्मावलंबियों के बीच बड़ी श्रद्धा और आस्था पूर्वक मनाया जाता है.  



बुद्ध पुर्णिमा 2021: कब है?


बुध पूर्णिमा तिथि और मुहूर्त



  • बुद्ध पूर्णिमा मनाने की तिथि- 26 मई 2021, बुधवार

  • वैशाख पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ- 25 मई 2021 (रात 8:20 से लेकर)

  • वैशाख पूर्णिमा तिथि की समाप्ति- 26 मई 2021 (शाम 04:40 तक)


 बुद्ध पूर्णिमा हिंदू धर्मावलंबियों के लिए भी है खास, जानें क्यों?


हिंदू धर्म ग्रन्थों में वर्णित है कि इस दिन भगवान बुद्ध ने अवतार लिया था जो कि भगवान विष्णु के 9वें अवतार हैं.  इस लिए बुद्ध पूर्णिमा न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि हिंदू धर्म के मानने वालों के लिए भी महत्त्वपूर्ण हैं. ऐसा कहा गया है कि इस दिन दान पुण्य करने से बहुत लाभ होता है.


हिंदू धर्म के अनुयायी इस दिन पितरों का तर्पण करते हैं. पितरों की आत्मा की शांति के लिए एवं उनके प्रकोप से बचें केलिए पिंड दान करते हैं. वैशाख पूर्णिमा को पिंड दान करने से  पितरों की कृपा बरसती है इससे घर परिवार में शांति बनी रहती है.


बौद्ध धर्म के मानने वाले लोग बुद्ध पुर्णिमा के दिन घरों पर दीए जलाए जाते हैं और फूलों से घर को सुसज्जित करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन धार्मिक कार्य करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. लोग इस दिन दान-पुण्य जैसे कार्यों में लीन रहते हैं.