Saptarishi In Budget 2023: कौन हैं सप्तऋषि, वित्त मंत्री ने जिनका बजट में लिया नाम, जानें इनके बारे में
Saptarishi Names: केंद्रीय बजट में सप्तऋषि का जिक्र किया गया है. आइए जानते हैं सप्तऋषि कौन से और इनसे जुड़ी क्या पौराणिक मान्यताएं प्रचलित हैं और सनातन धर्म में भी सप्तर्षियों का क्या महत्व है.
Saptarishi Story: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को देश का केंद्रीय बजट पेश किया. बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने सप्तऋषि का भी जिक्र किया. सप्तऋषि का संबंध इस बजट से है. दरअसल इस बजट की 7 प्राथमिकताएं हैं, वित्त मंत्री ने सप्तऋषि कहकर संबोधित किया गया है. ये सप्तऋषि हैं- समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, ग्रीन ग्रोथ, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र. आइए जानते हैं कि इसे सप्तऋषि क्यों कहा गया है और सनातन धर्म में भी सप्तर्षियों का क्या महत्व है.
कौन हैं सप्तऋषि?
प्राचीन काल में सात ऋषियों का एक समूह था जिसे सप्तऋषि कहा जाता था. इन ऋषियों पर ब्रह्माण्ड में संतुलन बनाए रखने और मानव जाति को सही राह दिखाने की जिम्मेदारी थी. माना जाता है कि सप्तऋषि आज भी अपने इन कार्यों में लगे हुए हैं. रात को आकाश में दिखने वाले एक तारामंडल को भी सप्तऋषि तारामंडल की संज्ञा दी गई है. वेदों में जिन सात ऋषियों के नाम का जिक्र है वो ऋषि कश्यप, अत्रि ऋषि, भारद्वाज ऋषि, विश्वामित्र ऋषि, गौतम ऋषि, जमदग्नि ऋषि और वशिष्ठ ऋषि हैं. वेदों में इन सात ऋषियों को वैदिक धर्म का संरक्षक माना गया है.
सप्तऋषियों के नाम
कश्यप ऋषि की 17 पत्नियां थी. इनकी अदिति नाम की पत्नी से सभी देवता और दिति नाम की पत्नी से दैत्यों की उत्पत्ति मानी गई है. ऐसा माना जाता है कि शेष पत्नियों से भी अलग-अलग जीवों की उत्पत्ति हुई है. दूसरे ऋषि हैं अत्रि. पुराणों के अनुसार त्रेतायुग में श्रीराम, लक्ष्मण और सीता वनवास के समय में अत्रि ऋषि के आश्रम में ही रूके थे जिनकी पत्नी अनसूया माता थीं. इनके पुत्र भगवान दत्तात्रेय हैं. तीसरे ऋषि हैं भारद्वाज हैं जिन्होंने आयुर्वेद सहित कई ग्रंथों की रचना की थी. इनके पुत्र द्रोणाचार्य थे. चौथे ऋषि विश्वामित्र हैं जिन्होंने गायत्री मंत्र की रचना की थी.
पांचवें ऋषि गौतम हैं जिनकी पत्नी अहिल्या थीं. इन्होंने शाप देकर अहिल्या को पत्थर का बना दिया था. भगवान श्रीराम की कृपा से अहिल्या ने पुन: अपना रूप प्राप्त किया था. छठे ऋषि हैं जमदग्नि हैं जिनके पुत्र भगवान परशुराम थे.सातवें ऋषि हैं वशिष्ठ हैं. ऋषि वसिष्ठ राजा दशरथ के चारों पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के गुरु थे.
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