Chanakya Niti: 23 जुलाई 2024 को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) केंद्रिय बजट (Central Budget 2024) पेश करेंगी.


बजट को लेकर युवाओं को कई उम्मीदें रहती है. देश के उज्जवल भविष्य (युवाओं) और धन (Tax) को लेकर भी श्रेष्ठ अर्थशास्त्री माने गए आचार्य चाणक्य (Chanakya) ने भी कई महत्वपूर्ण बातें बताई है.


जिसका पालन बजट में कर लिया जाए तो राष्ट्र का सर्वांगीण विकास हो सकता है. जानें बजट में युवाओं के हिस्से को लेकर चाणक्य की नीति (Chanakya Niti) क्या कहती है-


कौटिल्य अर्थशास्त्र में बजट


कौटिल्य के लिखे अर्थशास्त्र में आयकर (Income tax) का जिक्र मिलता है. कौटिल्य के मुताबिक राजकोष बढ़ाना और उसे जनता के कल्याण में कैसे लगाया, इस व्यवस्था को ही बजट कहा जाता है.


यह ग्रंथ मौर्य साम्राज्य के दौरान लिखा गया है. कौटिल्य कहते हैं कि- देश पर शासन करने वाले को नैतिकता को ध्यान में रखते हुए अपना बजट बनाना चाहिए.


इसके अनुसार सरकार (राजा) की सत्ता उसके राजकोष की मजबूती पर निर्भर करती है. कौटिल्य के जरिए लिखे अर्थशास्त्र में एक श्लोक के जरिए बताया है कि जनता के कल्याण और देश की तरक्की के लिए बजट में युवाओं, शिक्षा, महिला विकास, कर में छूट पर विशेषतौर पर ध्यान देना चाहिए.


टैक्स (Tax) का फैसला नैतिकता के मुताबिक अलग-अलग श्रेणियों में होना चाहिए. कहा जाता है कि कौटिल्य के समय सबसे कम टैक्स भोजन और कृषि पर लिया जाता था.


बजट पर चाणक्य के अहम विचार (Chanakya on Budget)


कौटिल्य का अर्थशास्त्र कहता है कि युवाओं की तरक्की से ही देश की उन्नति संभव है. इसके लिए रोजगार के नए अवसर, शिक्षा प्राप्ति की भरपूर सुविधाएं आदि को ध्यान में रखते हुए बजट बनाया जाना चाहिए.


किसी भी राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की भूमिका अहम होती है. सौभाग्य से भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में एक है. चाणक्य के मुताबिक राजा का काम समाज के सबसे 'न्यून वर्ग, महिलाओं और युवा वर्ग की उन्नति के लिए भी होना चाहिए. चाणक्य के अनुसार सरकार को ऐसी योजनाएं, सुविधाएं या छुट देनी चाहिए, जिससे इनका स्तर बढ़े और राष्ट्र सशक्त व समृद्धशाली बने.


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