Budh Dosh Remedy: बुधवार का दिन जहां गणेश जी को पूजा को समर्पित है. वहीं, इस दिन बुध ग्रह की पूजा आदि का भी विधान है. बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना जाता है. मान्यता है कि अगर व्यक्ति का बुध मजबूत होता है तो उसे जीवन में यश, कीर्ति और प्रसद्धि की प्राप्ति होती है. लेकिन वहीं अगर बुध कमजोर दशा में होने पर सिर दर्द, स्किन संबंधी परेशानी या गर्दन की समस्या से घिरा रहता है.
ज्योतिषियों का कहना है कि बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति को करियर में भी फायदा मिलता है. अगर आप भी बुध ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं, तो हर बुधवार को बुध कवच और बुध स्तोत्र का पाठ अवश्य करें. नियमित रूप से हर बुधवार ऐसा करने से आपका बुध मजबूत होगा.
ये भी पढ़ेंः Ganesh Jayanti 2022: गणेश जयंती कब है? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व
बुध कवच (Budh Kavach)
अस्य श्रीबुधकवचस्तोत्रमन्त्रस्य, कश्यप ऋषिः,
अनुष्टुप् छन्दः, बुधो देवता, बुधप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः
अथ बुध कवचम्
बुधस्तु पुस्तकधरः कुङ्कुमस्य समद्युतिः ।
पीताम्बरधरः पातु पीतमाल्यानुलेपनः ।।1।।
कटिं च पातु मे सौम्यः शिरोदेशं बुधस्तथा ।
नेत्रे ज्ञानमयः पातु श्रोत्रे पातु निशाप्रियः ।।2।।
घाणं गन्धप्रियः पातु जिह्वां विद्याप्रदो मम।
कण्ठं पातु विधोः पुत्रो भुजौ पुस्तकभूषणः ।।3।।
वक्षः पातु वराङ्गश्च हृदयं रोहिणीसुतः।
नाभिं पातु सुराराध्यो मध्यं पातु खगेश्वरः ।।4।।
जानुनी रौहिणेयश्च पातु जङ्घ्??उखिलप्रदः।
पादौ मे बोधनः पातु पातु सौम्यो??उखिलं वपुः ।।5।।
अथ फलश्रुतिः
एतद्धि कवचं दिव्यं सर्वपापप्रणाशनम् ।
सर्वरोगप्रशमनं सर्वदुःखनिवारणम् ।।
आयुरारोग्यशुभदं पुत्रपौत्रप्रवर्धनम् ।
यः पठेच्छृणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत् ।।
इति श्रीब्रह्मवैवर्तपुराणे बुध कवच सम्पूर्णम्।।
ये भी पढ़ेंः Gold Ring Benefits: इन 4 राशियों के लिए बेहद लाभकारी होती है सोने की अंगूठी, राजयोग में भी है सहायक
बुध स्तोत्र
पीताम्बर: पीतवपुः किरीटश्र्वतुर्भजो देवदु: खपहर्ता।
धर्मस्य धृक् सोमसुत: सदा मे सिंहाधिरुढो वरदो बुधश्र्व ।।1।।
प्रियंगुकनकश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम्।
सौम्यं सौम्य गुणोपेतं नमामि शशिनंदनम ।।2।।
सोमसूनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित:।
सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम् ।।3।।
उत्पातरूप: जगतां चन्द्रपुत्रो महाधुति:।
सूर्यप्रियकारी विद्वान् पीडां हरतु मे बुध: ।।4।।
शिरीष पुष्पसडंकाश: कपिशीलो युवा पुन:।
सोमपुत्रो बुधश्र्वैव सदा शान्ति प्रयच्छतु ।।5।।
श्याम: शिरालश्र्व कलाविधिज्ञ: कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।
रजोधिकोमध्यमरूपधृक्स्यादाताम्रनेत्रीद्विजराजपुत्र: ।।6।।
अहो चन्द्र्सुत श्रीमन् मागधर्मासमुद्रव:।
अत्रिगोत्रश्र्वतुर्बाहु: खड्गखेटक धारक: ।।7।।
गदाधरो न्रसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित:।
केतकीद्रुमपत्राभ इंद्रविष्णुपूजित: ।।8।।
ज्ञेयो बुध: पण्डितश्र्व रोहिणेयश्र्व सोमज:।
कुमारो राजपुत्रश्र्व शैशेव: शशिनन्दन: ।।9।।
गुरुपुत्रश्र्व तारेयो विबुधो बोधनस्तथा।
सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।10।।
एतानि बुध नमामि प्रात: काले पठेन्नर:।
बुद्धिर्विव्रद्वितांयाति बुधपीड़ा न जायते ।।11।।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.