Budhwa Mangal 2022 Puja Vidhi: ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है. मंगलवार के दिन चिरंजीवी, जागृतदेव, श्रीराम के परम भक्त श्री हनुमान जी की पूजा अर्चना की जाती है. हिंदू धर्म शास्त्रों में हर युग में हनुमान जी की उपस्थिति का प्रमाण मिलता है. विधि विधान से इनकी पूजा अर्चना करने से मनुष्य को प्रत्येक कष्ट और बाधा से मुक्ति मिल जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार ऐसी मान्यता है कि वन में विचरण करते हुए श्री राम जी से हनुमान जी का मिलन विप्र रूप में इसी दिन हुआ था. एक दूसरी कथा के अनुसार महाभारत काल में जब भीम को अपने बल का घमंड हो गया था, तो हनुमान जी ने बूढ़े वानर का रूप रखकर भीम के गर्व का खंडन किया था. इसलिए मंगलवार के इस दिन को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है.


कब है बुढ़वा मंगल: ज्येष्ठ मास में इस बार बड़ा मंगल निम्नलिखित तिथियों को पड़ रहा है.



  • 17 मई को

  • 24 मई को

  • 31 मई को

  • 7 जून को

  • 14 जून को


पूजा विधि


मंगलवार को सुबह सुबह स्नान करके हनुमान जी की प्रतिमा के सामने लाल फूल चढ़ाकर, रोली चंदन का टीका लगाकर, सच्चे मन से हनुमान चालीसा का पाठ करें और विधि विधान से पूजा अर्चना करें. मंगलवार के व्रत में सायंकाल भोजन का प्रावधान है इस दिन मीठा भोजन करना चाहिए.


बुढ़वा मंगल व्रत का महत्व


वैसे तो प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी के व्रत का अत्यंत लाभकारी परिणाम मिलता है. लेकिन बुढ़वा मंगलवार के व्रत का अपना ही महत्व है, इस दिन लोगों को दान करना चाहिए. प्रेत बाधा, दुखों और कष्टों से निवारण के लिए हनुमान जी के बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. उसे भय से मुक्ति मिल जाती है.




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