Budhwar Upay: बुधवार का दिन गणेश जी (Ganesh Ji) की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है. गणेश जी को बुद्धि, विद्या, कला, विचार का कारक माना गया है. अगर आप गणेश जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो बुधवार (Budhwar) के दिन गणेश जी की आरती जरुर करें. यहां पढ़ें गणेश जी की विशेष आरती. 


गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Aarti)


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।


माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।


माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।


माता जाकी पार्वती , पिता महादेवा ॥


पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।


लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।


माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।


बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।


माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।


माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।


माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।


कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।


माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है. अगर आप कर्ज से परेशान हैं तो बुधवार के दिन कर्ज से मुक्ति पाने के लिए गणेश जी की पूजा करें. साथ ही शाम में गणेश जी की आरती के साथ इन अचूक उपाय को भी कर सकते हैं.


कर्ज मुक्ति के लिए बुधवार को करें यह उपाय 



  • कर्ज से मुक्ति पाना चाहते हैं तो बुधवार के दिन गणेश जी आराधना करें.

  • बुधवार के दिन गणेश स्तोत्र (Ganesh Stotram) का पाठ करें. गणेश स्तोत्र का पाठ आपको कर्ज से मुक्ति दिलाने में मदद करता है.

  • कर्ज (Loan) से मुक्ति के लिए बुधवार के दिन हरे मूंग का दान करें.

  • गाय को हरी घास या हरी पालक खिलाएं. ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है.

  • भगवान गणेश के मंदिर में जाएं और उन्हें 21 शमी के पत्ते अर्पित करें. शमी के पत्ते अर्पित करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं 

  • बुधवार को गणेश जी को दुर्वा घास अर्पित करें. दुर्वा घास में 21 गाठें लगाने के बाद गणेश जी के मस्तक पर चढ़ाएं.


बुधवार के दिन गणेश स्तोत्र का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है. इस पाठ को करने से आप आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं. गणेश स्तोत्र भगवान गणेश की प्रार्थनाओं में से एक है. इसे नारद पुराण से लिया गया है और यह कई तरह की समस्याओं का समाधान करता है. यहां पढ़ें गणेश स्तोत्र.


गणेश स्तोत्र (Ganesha Stotram)


शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।


येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥


चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।


विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥


तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।


साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥


चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।


सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥


अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।


तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥


इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।


एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥


तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।


क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥


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