Kalashtami 2023: मार्च में कालाष्टमी कब है? चैत्र मास में काल भैरव की पूजा का जानें महत्व और पूजा मुहूर्त
Chaitra Kalashtami 2023: हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का दिन कालभैरव को समर्पित है. इसे कालाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. जानते हैं चैत्र माह की कालाष्टमी कब है, पूजा का मुहूर्त और उपाय.
Chaitra Kalashtami 2023: भगवान शंकर को भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योंकि उनका स्वभाव बहुत ही भोला है लेकिन जब शिव को क्रोध आता है तो सृष्टि तितर-बितर हो जाती है. पौराणिक काल में शिव जी के क्रोध से भगवान काल भैरव की उत्पत्ति हुई थी. हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का दिन कालभैरव को समर्पित है. इसे कालाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है.
मान्यता है कि जो इस दिन सच्चे मन से शिव के रोद्र रूप काल भैरव की उपासना करता है बाबा भैरव उसके तमाम कष्ट, परेशानियां हर लेते हैं और हर पल उसकी सुरक्षा करते हैं. शनि और राहु की बाधाओं से मुक्ति के लिए भगवान भैरव की पूजा अचूक होती है. आइए जानते हैं चैत्र माह की कालाष्टमी कब है, पूजा का मुहूर्त और उपाय.
चैत्र कालाष्टमी 2023 डेट (Chaitra Kalashtami 2023 Date)
चैत्र माह की कालाष्टमी 14 मार्च 2023 को है. तंत्र साधना के लिए काला भैरव की पूजा महत्वपूर्ण मानी जाती है, कालाष्टमी के दिन तामसिक पूजा पूरी रात चलती है, हालांकि गृहस्थ जीवन वालों को बाबा काल भैरव की उपासना सामान्य रूप से ही करनी चाहिए.
चैत्र कालाष्टमी 2023 मुहूर्त (Chaitra Kalashtami 2023 Muhurat)
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 14 मार्च 2023 को रात 08 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी. अष्टमी तिथि का समापन 15 मार्च 2023 को शाम 06 बजकर 45 मिनट पर होगा. धार्मिक मूल ग्रन्थ के अनुसार जिस दिन अष्टमी तिथि रात्रि के दौरान प्रबल होती है उस दिन व्रतराज कालाष्टमी का व्रत किया जाना चाहिए.
कष्टों से मुक्ति के लिए कालाष्टमी पर ऐसे करें पूजा (Kalashtami puja vidhi)
अगर जीवन में भयंकर परेशानी से जूझ रहे हैं, कोई उपाय समझ न आ रहा हो तो इस दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं. मान्यता है इससे तमाम कष्टों से मुक्ति मिलती है. वहीं कालाष्टमी के दिन से रात्रि के समय भगवान भैरव की प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं, अगर मंदिर जाना संभव नहीं है तो शिवलिंग के समक्ष ये उपाय करें, फिर कालभैरवाष्टक का पाठ करें. इससे शत्रु और शनि बाधा दूर होती है. ध्यान रहेकाल भैरव की पूजा किसी का अहित करने के लिए न करें, वरना इसके बुरे परिणाम झेलने पड़ सकते हैं. साथ ही इस दिन इस दिन किसी भी कुत्ते, गाय, आदि जानवर के साथ गलत व्यवहार और हिंसक व्यवहार ना करें.
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