2020 चैत्र नवरात्रि कब है: 25 मार्च 2020 से चैत्र नवरात्रि का आरंभ होने जा रहा है. नवरात्रि को लेकर घरों में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, बंगाल सहित पूरे देश में नवरात्रि का पर्व बड़ी ही श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाया जाता है. नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न रुपों की पूजा की जाती है.
चैत्र नवरात्रि चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होती है. तिथि का क्षय होने के कारण इस बार विशेष संयोग बना है. इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन के होंगे. जिसमें पूजा और व्रत का विधान भी शामिल है. 25 मार्च से हिंदू नववर्ष का आरंभ भी होगा. इस दिन हिंदी नववर्ष विक्रम संवत् 2077 आरंभ होगा. इसे प्रमादी भी कहा जाता है.
कलश स्थापना
नवरात्रि की पूजा का आरंभ घट स्थापना जिसे कलश स्थापना भी कहते हैं से शुरू होती है. घर में घट स्थापना होने के बाद नवरात्रि की पूजा शुरू होती है. 25 मार्च को ही घट स्थापना की जाएगी. क्योंकि इसी दिन से नवरात्रि शुरू हो रहे हैं.
पूजन रचना विधि
लकड़ी के पाट पर लाल वस्त्र बिछाएं, उसपर चावल की परत बनाएं. इसके दाएं भाग में दो पान के पत्ते रखकर उसपर एक सिक्का और सुपारी रखें. मध्य में कलश रखें, इसमें शुद्ध जल भरकर एक सिक्का, एक सुपारी डाल दें. पांच पान रखें, इसमें बरगद , पीपल,आम, औदुंबर(गूलर)और पान का एक-एक पत्ते पर नारियल को रखें. इसके सामने मां दुर्गा का चित्र और यंत्र रखें. नीचे भाग में अखंड ज्योति के लिए दिया बनाकर रखें.
पूजन सामग्री
पंच मेव, मिष्ठान, पंच मेवा, रुई, कलावा, रोली सिंदूर, 1 नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र, फूल, 5 सुपारी, लॉंग, पान के पत्ते, घी, चौकी, कलश, आम का पल्लव, समिधा, कमल गट्टे, पंचामृत, कुशा, रक्त चंदन, श्रीखंड चंदन, जौ, तिल.
नवरात्रि पर इस दिन को इन देवी की पूजा
- पहला दिन- देवी शैलपुत्री
- दूसरा दिन- ब्रह्मचारिणी
- तीसरा दिन- चंद्रघंटा
- चौथा दिन- कूष्मांडा
- पांचवा दिन- स्कंध माता
- छठा दिन- कात्यायिनी
- सातवां दिन- कालरात्रि
- आठवां दिन- महागौरी
- नौवां दिन- सिद्धिदात्री
चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से शुरू, नवरात्रि पर बनने वाले दुर्लभ संयोग के बारे में संपूर्ण जानकारी