Chaitra Navratri 2020: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. मान्यता है कि शक्ति की देवी मां दुर्गा की नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक पूजा और उपासना की जाती है जिसका व्यक्ति को कई गुना लाभ प्राप्त होता है. नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती  का पाठ करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और संकटों से भी मुक्ति मिलती है.


दुर्गा सप्तशती के बारे में


दुर्गा सप्तशती को एक ग्रंथ माना गया है जो चार वेद की तरह ही अनादि ग्रंथ है. दुर्गा सप्तशती 700 श्लोक हैं. दुर्गा सप्तशती को तीन 3 भाग हैं. नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ पूरा करने से गंभीर से गंभीर संकट भी दूर हो जाते हैं. ऐसी मान्यता है. लेकिन इसका पाठ नियम पूर्वक ही करना चाहिए अन्यथा पूरा लाभ नहीं मिलता है.


ये है सही तरीका


नवरात्रि में कलश की स्थापना और व्रत का संकल्प लेने के बाद  दुर्गा सप्तशती का पूजन करना चाहिए. इसके लिए सबसे पहले गणेश पूजन, कलश और नवग्रह पूजन कर अखंड ज्योति का भी पूजन करना चाहिए. इसके बाद दुर्गा सप्तशती ग्रंथ को लाल रंग के वस्त्र में बड़ी ही हिफाजत से रखें.


पाठ करने से पहले ये करें


दुर्गा सप्तशती का पाठ आरंभ करने से पहले मन शुद्ध कर लें. किसी तरह के विचार मन में नहीं आने चाहिए. पूरा ध्यान मां की भक्ति में रहना चाहिए. इसके बाद चंदन या रोली का तिलक लगाकर पूर्व दिशा में मुख कर बैठना चाहिए. बैठने के बाद चार बार आचमन करें. स्थान का शुद्ध करने के बाद पाठ आरंभ करना चाहिए. दुर्गा सप्तशति एक पवित्र ग्रंथ है. इसलिए इसकी शुद्धता का विशेष ध्यान रखें.


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दुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले और बाद में ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे का पाठ जरुर करना चाहिए. पाठ करने के बाद  मां दुर्गा से क्षमा जरुर मांगें.


दुर्गा सप्तशती का लाभ


दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और घर से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है. वहीं जिन लोगों के जीवन में किसी भी प्रकार कोई बाधा चल रही है उनसे मुक्ति मिलती है.


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