Chaitra Navratri 2021 Puja Mantra: चैत्र नवरात्रि हर साल एक बार आती है. यह चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होती है. इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल 2021 दिन मंगलवार यानी आज से शुरू हो गई है, नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना या घटस्थापना की जाती है. इसके बाद विधि विधान से मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरुप की पूजा की जाती है. मां दुर्गा के भक्त नवरात्रि के पहले ही दिन से व्रत रखते हैं.
ऐसे है मां शैलपुत्री का स्वरूप
हिन्दू धर्म शास्त्रों के मुताबिक़, मां शैलपुत्री के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल लेकर वृषभ पर सवार है. जो पूरे हिमालय पर राज करती हैं. हिंदू शास्त्र में मां दुर्गा का प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं. पूर्व जन्म में यह सती के नाम से जानी जाती थीं और प्रजापति दक्ष की कन्या थीं.
मां शैत्रपुत्री पूजा विधि
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के शुभ मुहूर्त में कलश/घट स्थापना करके नवरात्रि की पूजा और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद मां शैलपुत्री की नीचे लिखे मंत्रों के द्वारा पूजा करें. उन्हें लाल पुष्प, सिंदूर, अक्षत्, धूप, गाय के घी का दीप, गंध आदि चढ़ाएं. फिर नीचे दिए गए माता के मंत्रों का उच्चारण करें. उसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करें. अंत में गाय के घी का दीपक या कपूर जलाकर मां की आरती करें. चढ़ाए गए प्रसाद का वितरण करें.
मां शैलपुत्री मंत्र: नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले रूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री की पूजा इन मंत्रों के साथ करने से भक्त पर मां की कृपा बरसती है. मान्यता है कि मां अपने भक्तों को बल, बुद्धि, सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और स्वस्थ जीवन प्रदान करती है. उनकी मनोकामना पूरी करती है. मां शैल पुत्री की पूजा इन मंत्रो से की जाती है.
मंत्र-1
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:
मंत्र-2
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥