Chaitra Navratri 2021: देव ऋषि कात्यायन के घर मां कात्यायनी ने लिया था जन्म, पढ़ें पौराणिक कथा और पूजा विधि
Chaitra Navratri 2021: नवरात्रि में 6वें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. इन्होंने देव ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लिया था. आइये जानें इनके जन्म से जुड़ी पौराणिक कथाएं.
Chaitra Navratri 2021: आज यानी 18 अप्रैल 2021 को चैत्र नवरात्रि 2021 का छठा दिन है. हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि माता कात्यायनी की विधि -विधान से पूजा करने से भक्तों पर उनकी कृपा बरसती है. भक्तों की सभी मनोकामनायें पूरी होती है. मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से बालिकाओं के विवाह में आने वाली अड़चनें दूर हो जाती हैं और उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यह भी कहा जाता है कि मां कात्यायनी अपने भक्तों के सभी मंगल कार्यों को संपन्न कराती हैं. इनका जन्म देव ऋषि कात्यायन के यहां हुआ था. आइये जानें मां कात्यायनी के जन्म से जुड़ी पौराणिक कथा.
पौराणिक कथा
हिंदू धर्म शास्त्रों में लिखित पौराणिक कथाओं के अनुसार, देव ऋषि कात्यायन मां दुर्गा के परम उपासक थे. एक बार देव ऋषि कात्यायन ने देवी दुर्गा की कठोर तपस्या की. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देव ऋषि के सामने प्रकट हुई और बोली वत्स मैं तुम्हारी तपस्या से अति प्रसन्न हूं. जो वर मांगना चाहते हो, मांगों. देव ऋषि ने मां भगवती से वर मांगते हुए कहा कि आप मेरे घर पुत्री के रूप में जन्म लो. देव ऋषि की बात सुनकर मां भगवती ने ऐसा होने का बरदान देकर अंतर्ध्यान हो गई.
उसके बाद मां दुर्गा भगवती ने ऋषि कात्यायन के घर पुत्री के रुप में जन्म लिया. ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण ही देवी मां के इस अवतार को मां कात्यायनी कहा गया.
धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि मां कात्यायनी की पूजा स्वयं भगवान राम और श्रीकृष्ण ने भी की थी. यह भी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए माता रानी के इस स्वरूप { मां कात्यायनी} की उपासना गोपियों ने भी की थी.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)