Chaitra Navratri 2021: नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की होती है पूजा, जानें पूजा विधि और आरती
Chaitra Navratri 2021 Date In India Calendar: पंचांग के अनुसार 21 अप्रैल बुधवार को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि मां सिद्धिदात्री को समर्पित है.

Navratri 2021: चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मां सिद्धिदात्री ने असुरों के अत्याचार से पृथ्वी को मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था. नवरात्रि के पर्व में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. प्रतिपदा की तिथि से नवमी की तिथि के मध्य मां दुर्गा विभिन्न रूप लेकर असुरों का वध करती हैं.
नवमी यानी नवरात्रि की अंतिम तिथि को मां दुर्गा सिद्धिदात्री के अवतार लेकर सभी कार्यों को सिद्ध करती हैं. मान्यता है कि नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्त होती है और माता सभी कामनाओं को पूर्ण करती हैं. मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शंकर का आधा शरीर देवी का हुआ था. इस स्वरूप के कारण ही उन्हें अर्द्धनारीश्वर भी कहा जाता है.
मां सिद्धिदात्री का स्वरूप
मां सिद्धिदात्री को विशेष स्थान प्राप्त है. मां सिद्धिदात्री की चार भुजाएं हैं. मां के उपर के दाहिने हाथ में चक्र नीचे वाले में गदा और ऊपर के बाएं हाथ में शंख और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल धारण किए हुए हैं. मां के गले में दिव्य माला शोभित हो रही है. यह कमलासन पर आसीन हैं. इनकी सवारी सिंह है. मां सिद्धिदात्री को कष्ट, रोग, शोक और भय से भी मुक्ति दिलाने वाली देवी माना गया है.
8 सिद्धियां
मार्कण्डेय पुराण में मां सिद्धिदात्री की आठ सिद्धियों का वर्णन मिलता है. ये आठ सिद्धियां इस प्रकार हैं-
1- अणिमा
2- महिमा
3- गरिमा
4- लघिमा
5- प्राप्ति
6- प्राकाम्य
7- ईशित्व
8- वशित्व है.
मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि
नवरात्रि की नवमी तिथि को मां को विदा किया जाता है. इस दिन प्रात: स्नान करने के बाद चौकी पर मां सिद्धिदात्री को स्थापित करें. इसके उपरांत मां को पुष्प अर्पित करें. अनार का फल चढ़ाएं. नैवेध चढ़ाएं. मिष्ठान, पंचामृत और घर में इस दिन बनने वाले पकवान का भोग लगाएं. इस दिन हवन की परंपरा है. नवमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व है.
मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:.
मां सिद्धिदात्री की आरती
जय सिद्धिदात्री मां तू सिद्धि की दाता .
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता ..
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि .
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि ..
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम .
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम ..
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है .
तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है ..
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो .
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो ..
तू सब काज उसके करती है पूरे .
कभी काम उसके रहे ना अधूरे ..
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया .
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया ..
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली .
जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली ..
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा .
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा ..
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता .
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता.
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