हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. सालभर में 4 बार नवरात्रि मनाए जाते हैं. दो गुप्त नवरात्रि और एक चैत्र और शारदीय नवरात्रि. फाल्गुन माह की पूर्णिमा के बाद चैत्र माह की शुरुआत होगी और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत होती है. इस बार नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं. जो कि 11 अप्रैल, सोमवार तक चलेंगे. आइए जानते हैं नवरात्रि से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में. 


नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त


पंचाग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 01 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 11:53 मिनट से शुरू होगी और 02 अप्रैल, शनिवार को सुबह 11:58 मिनट पर समाप्त होगी. नवरात्रि के पहले ही दिन कलश स्थापना की जाती है और इसके बाद 9 दिनों कर कलश की पूजा की जाती है.कलश स्थापना का शुभ समय 02 अप्रैल सुबह 06:10 मिनट से 08:29 मिनट तक रहेगा.


घोड़े पर आएंगी मातारानी


धार्मिक मान्यता है कि हर साल नवरात्रि के दिनों में मां किसी न किसी वाहन पर सवार होकर धरती पर आती हैं. और वापस लौटते समय मां का वाहन अलग होता है. चैत्र नवरात्रि में मां घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. इसे शुभ माना जाता है. वहीं अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है तो मां हाथी पर सवार होकर आती हैं. 


नौ स्वरूपों की होती है पूजा


नवरात्रि के नौ दिन मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजन का विधान है. दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरा चंद्रघंटा, चौथा कूष्मांडा, पांचवां स्कंदमाता, छठवां कात्यायनी, सातवां कालरात्रि, आठवां मां महागौरी और नौवां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


भद्रा साया में नहीं किया जाता होलिका दहन, माना जाता है इसे अशुभ, जानें कारण और दहन का मुहूर्त


आज जरूर करें संतोषी मां के इन मंत्रों का जाप और चालीसा पाठ, दूर होंगी सभी परेशानी, जानें मंत्र जाप के फायदे