Chaitra Navratri 2023 Day 6: मां दुर्गा की छठवीं शक्ति हैं देवी कात्यायनी, नवरात्रि के छठे दिन आज पढ़ें ये कथा
Chaitra Navratri 2023 Day 6: नवरात्रि का छठवां दिन मां कात्यायनी को समर्पित होता है. मां कात्यायनी ने महर्षि कात्यायन के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था. 27 मार्च को मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी.
Chaitra Navratri 2023 Day 6, Maa Katyayani Katha:
चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥
नवरात्रि के छठवें दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी की पूजा-अराधना के लिए समर्पित होता है. बता दें कि 22 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और भक्ति-उपासना का पर्व नवरात्रि देशभर में मनाया जा रहा है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. 22 मार्च को घटस्थापना के साथ ही नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्माचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा और पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की गई. अब नवरात्रि के छठवें दिन सोमवार 27 मार्च 2023 को मां दुर्गा के छठवें अवतार मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी. मां कात्यायनी का पूजा मंत्र है-
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां कात्यायनी का स्वरूप
मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है और इनका वर्ण चमकीला है. मां कात्यायनी की सवारी सिंह है. इनकी चार भुजाएं हैं, जिस कारण इन्हें चतुर्भुज देवी भी कहा जाता है. मां कात्यायनी ने अपनी प्रत्येक भुजा में तलवार, कमल, अभय मुद्रा और वर मुद्रा धारण की है. इनकी पूजा करने से रोग-शोक, कष्ट और भय दूर होते हैं और जन्मों के संताप दूर हो जाते हैं. साथ ही इनकी पूजा से शीघ्र विवाह के योग भी बनते हैं.
मां कात्यायनी कथा
पौराणिक कथा के अनुसार,कात्य गोत्र में एक विश्वप्रसिद्ध महर्षि थे, जिनका नाम कात्यायन था. उनकी कोई पुत्री नहीं थी. महर्षि ने पुत्री प्राप्ति की इच्छा के लिए भगवती जगदम्बा की उपासना और कठिन तपस्या की. महर्षि की कठिन तपस्या से मां जगदम्बा प्रसन्न हुईं और उन्होंने महर्षि कात्यायन के यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया. यही देवी मां कात्यायनी के नाम से विख्यात हुईं. कहा जाता है कि महर्षि कात्यायन के यहां पुत्री के रूप में जन्म लेने वाली मां कात्यायनी बेहद गुणवती कन्या थी. इनके जैसी गुणवान, रूपवती और ज्ञानवान कन्या पूरे संसार में नहीं थी.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.