Chaitra Navratri 2024: 9 अप्रैल यानी आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. नवरात्रि में घटस्थापना, सप्तशती पाठ और उपवास और हवन आदि से ही देवी को प्रसन्न नहीं किया जाता बल्कि इन नौ दिनों में दो से लेकर नौ वर्ष तक की कन्याओं का पूजन और उनको विशेष भेंट आदि देकर भी माता का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है.


नवरात्रि के 9 दिन कन्या पूजन का महत्व (Navratri Kanya puja Significance)


होता यह है कि अधिकांश परिवारों में अष्टमी या नवमी तिथि को एक साथ नौ कन्याओं को बुलाया जाता है, उनका पूजन कर भोजन करा दिया जाता है, लेकिन पुराणों के अनुसार प्रतिपदा से नवमी तक सभी दिन अलग-अलग आयु वर्ग की कन्या पूजन का विशेष फल प्राप्त होता है. कन्या पूजन में कन्या की उम्र क्या होनी चाहिए और किस उम्र की कन्या के पूजन से कौन से मनोरथ पूरे होते हैं, आईए जानते है


2-9 साल की कन्या पूजन के अलग-अलग लाभ (Kanya pujan Benefit)



  • 2 साल - दो वर्ष की कन्या को कौमारी कहा जाता है, इसके पूजन से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. इनका पूजन करके इन्हें खिलौने उपहार स्वरूप देकर आशीर्वाद लें.

  • 3 साल - तीन वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति माना गया है और इनके पूजन से भोग व मोक्ष मिलता है. इनका पूजन करने के बाद इन्हें फल उपहार स्वरूप दें.  

  • 4 साल - चार वर्ष की कन्या कल्याणी कही गई है और इनकी पूजा से धर्म, अर्थ और काम की प्राप्ति होती है. इनका पूजन करने के बाद इन्हें घर में बनी खीर या हल्वा का भोजन करवाकर आशीर्वाद प्राप्त करें.

  • 5 साल - पांच वर्ष की कन्या रोहिणी स्वरूप मानी गई है और इनकी पूजा से विद्या प्राप्ति होती है, पूजन करने के बाद इन्हें शिक्षा से संबंधित पुस्तकें, पेन-पेन्सिल पानी की बोटल आदि उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त करें.

  • 6 साल - छह वर्ष की कन्या काली का स्वरूप मानी गई है, इनकी पूजा से सुख-समृद्धि व शांति मिलती है और अज्ञात भय दूर हो जाता है, इन्हें वस्त्र उपहार स्वरूप देकर आशीर्वाद पाएं.

  • 7 साल - सात वर्ष की कन्या चण्डिका स्वरूप हैं जिनकी पूजा से राज्य पद और कर्म में सिद्धि प्राप्त होती है, इनका पूजन कर श्रृंगार सामग्री देना अत्यंत शुभ होता है.

  • 8 साल - आठ वर्ष की कन्या शंभवी स्वरूप है जिनकी पूजा से धन-संपदा प्राप्त होती है, होमाष्टमी का हवन करके कन्याओं का पूजन करें फिर उन्हें भोजन कराकर सार्म्थानुसार दक्षिणा और उपहार दें.

  • 9 साल - नौ वर्ष की कन्या को दुर्गा स्वरूप माना गया है जिनकी पूजा से पृथ्वी पर प्रभुत्व प्राप्त होता है. कन्याओं को दुर्गा चालीसा की पुस्तकें, लाल चुनरी दें, पान व ईलायची खिलाएं तथा भले ही सगुन रूप में कन्याओं को आंगन में कुछ देर गरबा नृत्य कराएं. इस प्रकार के कन्या पूजन से माता प्रसन्न होकर आशीष की वर्षा करती हैं.


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