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Chaitra Navratri 2025: मां दुर्गा के मंत्रों से पाएं असीम कृपा, ग्रह दोष होंगे शांत
Chaitra Navratri 2025 Mantra: चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से ग्रह दोष शांत होते हैं और शुभ फल मिलते हैं. देवी के मंत्र जाप से सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है.

नवरात्रि 2025
Source : ABPLIVE AI
Chaitra Navratri 2025: चैत्र माह में पड़ने वाली नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से नौ ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और जीवन में अच्छी ऊर्जा आती है. मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा से हर ग्रह में संतुलन और शांति बनी रहती है.आइए जानते हैं कि किस देवी की पूजा से कौन सा ग्रह शांत होता है.
- मां शैलपुत्री की पूजा: नवरात्रि का पहला दिन देवी दुर्गा का यह प्रथम स्वरूप, हिमालयराज की पुत्री के रूप में जाना जाता है. "शैल" का अर्थ है पर्वत, इसलिए उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. ये देवी चंद्र ग्रह की अधिष्ठात्री हैं और इनकी पूजा से मन को शांति, स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. मां शैलपुत्री चंद्र ग्रह से जुड़ी हैं. चंद्रमा मन, भावनाओं और मानसिक संतुलन का कारक है. चंद्र दोष की शांति- यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, तो इस दिन की पूजा के साथ चंद्र मंत्र का जाप करें इसे चंद्र दोष शांत होता है.
मानसिक शांति: पूजा के बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य दें और दूध का दान करें.
सौभाग्य और समृद्धि: सफेद वस्त्र, चावल, और चीनी का दान करें.
मंत्र जाप:
- बीज मंत्र: ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः
- चंद्र शांति मंत्र: ॐ सोमाय नम: - मां ब्रह्मचारिणी की पूजा: नवरात्रि का दूसरा दिन, देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा का ज्योतिष में खास महत्व है. ये देवी तप, संयम और ज्ञान की प्रतीक हैं. उनका शांत और गंभीर रूप हमारे मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है. ज्योतिष के अनुसार, उनकी पूजा से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम हो जाते हैं और हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. मंगल दोष शांति लाल मसूर दाल, गुड़, और लाल वस्त्र का दान करें. धैर्य और संयम: देवी को गुलाब के फूल चढ़ाएं और पूरे दिन संयमपूर्वक व्रत रखें. ऊर्जा संतुलन लाल चंदन का तिलक लगाएं और रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें.
मंत्र जाप: ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः, मंगल शांति मंत्र: ॐ अंगारकाय नमः - मां चंद्रघंटा की पूजा: नवरात्रि के तीसरे दिन, देवी चंद्रघंटा की पूजा का ज्योतिषीय महत्व बहुत खास है. इस दिन देवी के शांत और साहसी स्वरूप की पूजा करने से चंद्रमा और मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम हो जाते हैं. ज्योतिष के अनुसार, उनकी पूजा से ग्रहों से अच्छी ऊर्जा मिलती है, जिससे मन में शांति, संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. माता चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें. आप मां को दूध से बनी हुई मिठाई का भोग भी लगा सकती हैं. मां चंद्रघंटा की कृपा से धन, संपत्ति और खुशहाली मिलती है. उनका आशीर्वाद पाने से शादी में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं, और दांपत्य जीवन सुखी रहता है.
मंत्र जाप: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चंद्रघंटायै नमः - मां कूष्मांडा की पूजा: नवरात्रि के चौथे दिन, देवी कूष्मांडा की पूजा को ज्योतिष में बहुत लाभकारी माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इससे जन्म कुंडली में मौजूद ग्रह दोष संतुलित होते हैं और ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव में कमी आती है. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार कूष्मांडा देवी की पूजा ग्रह शांति के लिए अचूक उपाय है. ग्रह दोष संतुलित करने हेतु आप निम्न उपाय अपना सकते हैं. दिन भर उपवास रखें और पूजा में दूध व शक्कर से बने भोग अर्पित करें. इस प्रकार ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और जीवन में सुख-शांति व समृद्धि आती है.
मंत्र जाप: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडाायै नमः
- मां स्ंकदमाता की पूजा: नवरात्रि के पांचवा दिन की पूजा देवी स्कंदमाता को समर्पित होती है, जो भगवान कार्तिकेय की माता और देवी दुर्गा का एक स्वरूप हैं. माना जाता है कि स्कंदमाता की पूजा करने से हमें भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद मिलता है, क्योंकि वे हमेशा अपनी मां के साथ हमारे जीवन में उपस्थित रहते हैं. इस दिन स्कंदमाता की पूजा करने का बहुत महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि जो लोग स्कंदमाता की पूजा करते हैं उन्हें शक्ति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मंत्र जाप: ॐ सर्वग्रहाणां शान्तये नमः
- मां कात्यायनीमां की पूजा: नवरात्रि के छठे स्वरूप का नाम कात्यायनी है. कात्यायन ऋषि ने देवी की कृपा पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके फलस्वरूप उन्हें पुत्री के रूप में प्राप्त किया गया. इसी दिव्य स्वरूप में मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर बुराई पर विजय प्राप्त की. ज्योतिष के अनुसार, देवी की पूजा से भक्तों को आसानी से चारों लाभ- अर्थ (धन), धर्म (नैतिकता), काम (इच्छाएँ) और मोक्ष (मुक्ति) – आसानी से प्राप्त हो जाते हैं. इससे बीमारियां, दुःख, तनाव और डर दूर हो जाते हैं, साथ ही पिछले जन्मों के सारे पाप भी मिट जाते हैं. इसी कारण माना जाता है कि इस देवी की पूजा करने से व्यक्ति को सर्वोच्च स्थान प्राप्त होता है.
मंत्र जाप: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं दुर्गायै नमः - मां कालरात्रि की पूजा: नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. यह देवी शक्ति और साहस का प्रतीक हैं. इनका काला रूप और विकराल स्वरूप बुरी शक्तियों और नकारात्मकता को नष्ट करता है. ज्योतिष के अनुसार, इनकी पूजा से शनि ग्रह के दोष शांत होते हैं।
मंत्र जाप:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः
ॐ शं शनैश्चराय नमः (शनि ग्रह शांति मंत्र) - मां महागौरी की पूजा: अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा की जाती है. यह देवी सौंदर्य, शांति और करुणा की प्रतीक हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इनकी पूजा से राहु ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और जीवन में शांति एवं सफलता प्राप्त होती है.
मंत्र जाप:
ॐ देवी महागौर्यै नमः
ॐ राहवे नमः (राहु ग्रह शांति मंत्र) - मां सिद्धिदात्री की पूजा: नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है यह देवी सभी प्रकार की सिद्धियों और आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद देती हैं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इनकी पूजा से केतु ग्रह के दोष दूर होते हैं और मन को शांति व आत्मिक बल मिलता है.
मंत्र जाप:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्यै नमः
ॐ केतवे नमः (केतु ग्रह शांति मंत्र)
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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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