Navratri Mahaashtami 2023 Highlight: चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी आज, जानें मां महागौरी की पूजा का मुहूर्त, विधि और मंत्र
Navratri Mahaashtami 2023 Highlight: महाअष्टमी के दिन 29 मार्च 2023 को मां महागौरी और 30 मार्च 2023 को महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी. यहां जानते हैं संपूर्ण जानकारी.
नवरात्रि में कुछ खास चीजों का दान करने से धन में वृद्धि, संतान सुख, नौकरी व्यापार में उन्नति मिलती है. जैसे महाष्टमी के दिन कन्याओं को लाल चूड़ी और लाल चुनरी का दान करें. मान्यता है इससे माता अखंड सौभाग्य का वरदान देती हैं. संकट में सुहाग की रक्षा करती हैं
कन्याओं को भोजन करवाने से पहले भोजन को जूठा न करें. ध्यान रखें भोजन सात्विक होना चाहिए. इसमें लहसून, प्याज का इस्तेमाल न करें. भोजन में हलवा, पूड़ी, खीर, सब्जी जो प्रसाद के लिए बनाया है सभी कन्याओं को खिलाएं. भोजन के बाद कन्याओं को दान दक्षिणा दें, जैसे फल, श्रृंगार सामग्री, मिठाई, नारियल आदि. इन सभी कन्याओं का आशीर्वाद लें और फिर व्रत खोलें.
इन कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना जाता है. ऐसे में भूलकर भी इन्हें डांटें नहीं. अपशब्द न बोलें. कन्याओं के साथ भेदभाव न करें. ऐसा करने वालों को व्रत का फल नहीं मिलता. भोजन खाने के लिए जबरदस्ती न करें, वह जितना खा पाएं उतना ही थाली में परोसें. कन्याओं को एक दिन पहले निमंत्रण दें. घर आने पर इनके पैर धोएं. पूर्व दिशा की ओर मुख करके हल्दी, कुमकुम से टीका करें. लाल चुनरी ओढ़ाएं. अब भोजन के लिए आसन पर बैठाएं.
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 29 मार्च 2023 और महानवमी 30 मार्च 2023 को है. मान्यता अनुसार लोग ये दोनों दिन कन्या पूजन करते हैं. कहते हैं कन्या पूजन के बिना नवरात्रि का व्रत पूजन अधूरा होता है. कन्या पूजन में 2-10 साल तक की ही कन्याओं को निमंत्रण दें. पूजन के लिए कन्याओं की संख्या कम से कम 9 होनी चाहिए. एक बालक को भी भोजन के लिए न्यौता दे. बटुक के बिना कन्या पूजन अधूरा माना गया है, क्योंकि मां दुर्गा के साथ बटुक यानी भैरव की पूजा अनिर्वार्य है.
मां महागौरी का ध्यान-स्मरण और पूजन करना भक्तों के लिए सर्वाधिक कल्याणकारी माना जाता है. इनकी कृपा से भक्तों को आलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है. मां का ये स्वरूप भक्तों के कष्ट को दूर करता है. मां महागौरी की पूजा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं. इस दिन पूजा करने से धन, वैभव और सुख-शांति की प्राप्ति होती है.
देवीभागवत पुराण के अनुसार, अष्टमी तिथि को माता रानी को नारियल का भोग लगाना चाहिए. नारियल का भोग लगाने से मां महागौरी शीघ्र प्रसन्न होती हैं. भोग लगाने के बाद इस नारियल को या तो किसी ब्राह्मण को दान में दे दें या फिर प्रसाद के रूप में लोगों को इसे बांट दें.
1. श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
2. या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
अष्टमी तिथि के दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान के पश्चात कलश पूजन कर लें. इसके बाद माता रानी को सफेद पुष्प अर्पित करें. अब मां की वंदना मंत्र का उच्चारण करें. आज के दिन मां को हलुआ, पूरी, सब्जी, काले चने और नारियल का भोग लगाएं. माता रानी को चुनरी अर्पित करें और मां को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.
आज महाअष्टमी के दिन माता रानी के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है. आज के दिन ही मां ने चंड-मुंड राक्षसों का संहार किया था. महाष्टमी पर मां भगवती की पूजा से सारे कष्ट दूर होते हैं. अष्टमी तिथि 28 मार्च 2023 की शाम 7:02 से शुरू हो चुकी है. इसका समापन 29 मार्च की रात 9:07 पर होगा. महाअष्टमी का अमृत मुहूर्त सुबह 09 बजकर 02 मिनट से सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगा.
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Chaitra Navratri Mahaashtami 2023 Highlight: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 को हुई थी अब 30 मार्च 2023 को राम नवमी पर इसका समापन है. नवरात्रि के 9 दिन शक्ति साधना के लिए बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं. खासकर नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व है. चैत्र शुक्ल पक्ष की महाअष्टमी के दिन 29 मार्च 2023 को मां महागौरी और 30 मार्च 2023 को महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी. इन दोनों दिनों में भक्त अपनी कुल देवी की पूजा करते हैं, जागरण, भजन-कीर्तन, मंत्र जाप करते हैं. माता की उपासना के बाद 9 कन्याओं की पूजा की जाते है और नवमी के दिन हवन कर जवारे विसर्जित किए जाते हैं.
चैत्र नवरात्रि 2023 दुर्गाअष्टमी मुहूर्त (Chaitra Navratri 2023 Maha Ashtami Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि में महाअष्टमी 29 मार्च 2023 अष्टमी तिथि 28 मार्च 2023 की शाम 7:02 से शुरू होगी और 29 मार्च 2023 रात 9:07 पर इसका समापन होगा. वहीं नवमी 30 मार्च 2023 को रात 11.30 तक है.
राम नवमी 2023 मुहूर्त (Ram Navami 2023 Muhurat)
श्रीराम की पूजा का समय - सुबह 11:11 - दोपहर 01:40 (30 मार्च 2023)
नवरात्रि महाअष्टमी पूजा का महत्व (Navratri Maha Ashtami Puja Significance)
हिंदू धर्म में अष्टमी तिथि मां दुर्गा की तिथि मानी गई है. हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा की उपासना की जाती है. कथाओं के अनुसार इसी तिथि को मां ने चंड-मुंड राक्षसों का संहार किया था. धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि की महाष्टमी पर मां भगवती का पूजन करने से कष्ट, दुःख मिट जाते हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती. मां की शास्त्रीय पद्धति से पूजा करने वाले सभी रोगों से मुक्त हो जाते हैं और धन-वैभव संपन्न होते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार अष्टमी या नवमी के दिन 2 से 10 साल की आयु की कन्या पूजा के लिए उपयुक्त होती हैं. कुमारी पूजा में ये बालिकाएं देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों को दर्शाती हैं, इन्हें कुमारिका, त्रिमूर्ति, कल्याणी, रोहिणी, काली, चंडिका, शांभवी, दुर्गा कहा जाता है.
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