Chaitra Purnima 2023 Puja: आज चैत्र माह की पूर्णिमा है, ये हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा मानी जाती है. चैत्र पूर्णिमा को चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है, चूंकि चैत्र मास हिन्दू वर्ष का प्रथम मास होता है इसलिए चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन हनुमान जन्मोतस्व भी मनाया जाता है. इस साल चैत्र पूर्णिमा तिथि दो दिन व्याप्त होने से पहले दिन 5 अप्रैल 2023 को पूर्णिमा का व्रत और भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाएगी और 6 अप्रैल 2023 को स्नान-दान करना शुभ होगा, इस दिन हनुमान लला का जन्मदिवस भी मनाया जाएगा. चैत्र पूर्णिमा पर बहुत ही शुभ योग का संयोग बन रहा है जो इस दिन के महत्व में बढ़ोत्तरी कर रहा है. आइए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा पर पूजा का मुहूर्त, शुभ योग और विधि.


चैत्र पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Chaitra Purnima 2023 Muhurat)


चैत्र पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 5 अप्रैल 2023 को सुबह 09.19 मिनट से होगी. अगले दिन 6 अप्रैल 2023 को सुबह 10.04 मिनट पर समाप्त होगी.




    • सत्यनारायण की पूजा का समय - सुबह 10.50 - दोपहर 12.24 (5 अप्रैल 2023)

    • मां लक्ष्मी की पूजा का समय - प्रात: 12.01 - प्रात: 12.46 (6 अप्रैल 2023)

    • चंद्रोमा को अर्घ्य देने का समय - शाम 06.01

    • स्नान-दान समय - सुबह 04.35 - सुबह 05.20 (6 अप्रैल 2023)

    • हनुमान पूजा का समय - सुबह 06.06 - सुबह 07.40 (6 अप्रैल 2023)




चैत्र पूर्णिमा 2023 शुभ योग (Chaitra Purnima 2023 Shubh yoga)


चैत्र माह की पूर्णिमा पर इस साल तीन शुभ योग ध्रुव योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. पूर्णिमा पर ध्रुव योग का निर्माण बेहद दुर्लभ है. इस योग में किसी भी स्थिर कार्य जैसे किसी भवन या इमारत आदि का निर्माण करने से उसमें सफलता मिलती है. वहीं रवि योग में सूर्य का प्रभाव रहता है और सर्वार्थ सिद्धि योग में हर काम सफल होते हैं. ऐसे में इन तीन शुभ योग में भगवान सत्यनारायण, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.



  • रवि योग - सुबह 06 बजकर 07 - सुबह 11 बजकर 23 (5 अप्रैल 2023)

  • सर्वार्थ सिद्धि योग - 5 अप्रैल 2023, सुबह 11 बजकर 23  - 06 अप्रैल 2023, सुबह 06:06

  • ध्रुव योग - 5 अप्रैल 2023, सुबह 03.40 - 6 अप्रलै 2023, सुबह 03.17


चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि (Chaitra Purnima Puja vidhi)


चैत्र पूर्णिमा व्रत वाले दिन स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लें और शुभ मुहूर्त में भगवान सत्यनारायण की कथा करें. ऊं नमो नारायणाय का एक माला जाप करें. रात्रि में विधि पूर्वक चंद्र देव का पूजन करने के बाद उन्हें जल अर्पण करना चाहिए. मध्यरात्रि में अष्टलक्ष्मी की पूजा करें. मंत्र जाप आदि के बाद अगले दिन 6 अप्रैल 2023 को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में तीर्थ नदी, सरोवर, पवित्र जलकुंड में स्नान करें. फिर कच्चे अन्न से भरा हुआ घड़ा किसी ज़रुरतमंद व्यक्ति को दान करें. घर में सुंदरकांड का पाठ करें और ये पूरा दिन हनुमान जी की भक्ति में लीन रहें. इससे अपार सुख, धन और समृद्धि प्राप्त होगी.


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