Chanakya Neeti: पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जूझ रहा है. कोरोना वायरस के चलते 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना वायरस एक महामारी बन चुका है. जब महामारी फैलती है तो पूरी मानव सभ्यता पर खतरा मंडराने लगते हैं. आचार्य चाणक्य ने महामारी को फैलने से रोकने के लिए मनुष्य को धैर्य और सजगता से काम लेने की बात कही है. विपदा और संकट आने पर ही मनुष्य की सही पहचाना होती है.
आचार्य चाणक्य की गिनती श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने अर्थशास्त्र की रचना भी की थी. चाणक्य योग्य राजनीतिज्ञ के साथ-साथ योग्य शिक्षक और समाजशास्त्री भी थे. समाज और मनुष्य को प्रभावित करने वाले सभी तत्वों के बारे में आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में गंभीरता से चर्चा की है.
महामारी को फैलने से कैसे रोका जाए
1- आचार्य चाणक्य के अनुसार महामारी से बचने के लिए मनुष्य को सर्तक और जागरुक रहना चाहिए. महामारी से बचने के लिए जितने भी तरीके चिकित्सकों द्वारा बताए जाते हैं सभी को अपनाना चाहिए.
2- एक दूसरे के संपर्क से महामारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए जनसंपर्क को तब के लिए टाल देना चाहिए जबतक महामारी का प्रकोप कम न हो जाए.
3- महामारी को रोकने के समस्त उपायों का पूरी ईमानदारी से पालन करना चाहिए. राजा द्वारा बताए गए नियमों पर अमल करना चाहिए.
4- महामारी के बीच अफवाहें तेजी से फैलती हैं इसलिए अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और न ही इन्हें गति देनी चाहिए. इससे स्थितियां बिगड़ती हैं. अंधविश्वास से भ्ी लोगों को दूर रहना चाहिए.
5- स्वच्छता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. महामारी फैलने के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. संक्रमण से बचने के लिए दूषित होने से बचने की जरुरत होती है.
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