Chanakya Niti Hindi: चाणक्य सिर्फ एक शिक्षक ही नहीं थे वे अर्थशास्त्र के भी बहुत बड़े विद्वान थे. इसलिए उन्होंने अर्थशास्त्र को बल प्रदान करने वाले व्यापार का भी बहुत गहराई से अध्ययन किया था. चाणक्य के अनुसार सफल व्यापारी वही है जो जोखिम उठाने के लिए सदैव तैयार रहता है. चाणक्य नीति कहती है कि व्यापारी को विश्व के किसी भी कोने में व्यापार करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए.
समाने शोभते प्रीती राज्ञि सेवा च शोभते।
वाणिज्यं व्यवहारेषु स्त्री दिव्या शोभते गृहे॥


इसका अर्थ ये है कि दोस्ती बराबर वालों से ही करनी चाहिए. व्यापार में लोक व्यवहार और घर में उत्तम गुणों से युक्त स्त्री ही उपयुक्त है.


चाणक्य के अनुसार व्यापार में वही लोग सफल होते हैं जो जो व्यवहार कुशल और वाकपटुता में माहिर होता है. क्योंकि व्यापार में इन दोनों ही चीजों का भरपूर प्रयोग होता है. लोक व्यवहार और वाकपटुता ही व्यापार में सफलता का आधार है.
ये बातें व्यक्ति को बनाती है सफल व्यापारी


सकारात्मक सोच: व्यापार में सफल होने के लिए कभी नकारात्मक भाव मन में नहीं लाने चाहिए. सकरात्मक सोच से कार्य को आरंभ करें. सफल जरूर मिलेगी.


जोखिम उठाने न घबराएं: व्यापार में जोखिम उठाने ने घबराएं. पूरी जानकारी और रणनीति बनाकर नए कार्य को आरंभ करना चाहिए. व्यापारी को सदैव नए चलन से अवगत रहना चाहिए.


सहयोगियों का साथ जरूर लें: किसी भी कार्य अकेले नहीं किया जा सकता है. बड़े कार्य को करने के लिए जिस व्यापारी के पास सहयोगियों का समूह होता है वह तेजी से सफलता प्राप्त करते हैं.


संबंध बिगाड़े नहीं बनाएं: व्यापार में सफल होने के लिए मेहनत के साथ साथ गुणों का भी होना बहुत ही जरूरी है. लोक व्यवहार में कुशलता बहुत जरूरी है. क्योंकि इसके बिना कोई भी बड़ी सफलता असंभव है. इसलिए कुशल व्यापारी को सदैव अपने संबंधों को लेकर सचेत रहना चाहिए, संबंध खराब करने से बाधाएं उत्पन्न होती हैं. इसलिए लोगों से संबंध अच्छे होने चाहिए.


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