नई दिल्ली: आर्चाय चाणक्य ने अपनी नीतियों में जीवन के हर पहलू के बारे में बातें की हैं. जीवन में किस तरह आप खुशहाल रह सकते हैं इस पर आचार्य चाणक्य की कई नीतियां हैं. आचार्य चाणक्य की नीतियां जितनी पहली कारगर थी आज भी उतनी है कारगर हैं. उन नीतियों पर आज भी आप अमल कर एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं. वैसे तो हर आदमी के जीवन में सफलता और असफलता का दौर चलता रहता है. लेकिन कैसे आप आचार्य चाणक्य की नीतियों को अपनाकर अपने जीवन में आ रही असफलता को सफलता में बदल सकते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं आचार्य चाणक्य के जीवन को सफल बनाने के पांच मूल मंत्र.


आत्मविश्वास


किसी भी इंसान में अगर आत्मविश्वास है तो वो अपने जीवन में कभी भी असफल और निराश नहीं हो सकता है. आत्मविश्वास होने से व्यक्ति किसी भी परिस्थिति से निकल कर आगे बढ़ जाता है. आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जिनमें आत्मविश्वास की कमी होती वो ही असफल होते हैं.


मेहनत


मेहनत का कोई विकल्प नहीं. मेहनती इंसान को अपनी मेहनत का फल कभी न कभी जरुर मिलता है. इसलिए जीवन में आगे बढ़ना है तो कभी भी मेहनत से जी न चुराएं.


ज्ञान


इंसान की असली पूंजी होता है उसका ज्ञान. ज्ञान एक ऐसी चीज है जिसे कोई दूसरा आपसे नहीं चुरा सकता है. आचार्य चाणाक्य ने अपनी नीतियों में ज्ञान के बारे में हमेशा कहा है कि ये एक ऐसी अर्जित पुंजी है जो हमेशा आपके साथ चलती है, हर परिस्थिति में आपके साथ रहती है.


पैसा


आचार्य ने अपनी नीति में पैसे के महत्व को भी बताया है. उन्होने कहा है कि पैसे की जरुरत हमेशा इंसान को बनी रहती है. जीनव में सफलता पाने के लिए इंसान के पास थोड़ा अतिरिक्त धन भी हमेशा रहनी चाहिए. ये धन ही बुरे वक्त में आपके काम आता है.


सतर्कता


एक सफल व्यक्ति को हमेशा सतर्क रहना बेहद जरुरी है. हमेशा अपने आंख-कान खुले रखने चाहिए.


कमजोरी


एक सफल व्यक्ति को कभी अपनी कमजोरी किसी को नहीं बतानी चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो वो इंसान आपका आसानी से फायदा उठा सकता है जिसे आपने अपनी कमजोरी बता दी हो.


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