Chanakya Niti : जब व्यक्ति मुश्किलों से घिर जाता है और उसे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिखता है तो ऐसे समय में चाणक्य नीति अंधकार में प्रकाश की तरह नजर आती है. व्यक्ति के जीवन में आने वाले अच्छे बुरे पलों पर किस तरह की प्रतिक्रिया देनी चाहिए इस बारे में आचार्य चाणक्य की नीति बहुत ही मददगार है. यही कारण है कि सैकड़ों बरस बीत जाने के बाद भी चाणक्य नीति की लोकप्रियता कायम है. जानते हैं आज की चाणक्य नीति-
मेहनत करने से दूरी होती है दरिद्रता
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति की मूलभूत जरूरतें धन के बिना पूर्ण नहीं हो सकती है. इसीलिए व्यक्ति धन कमाने में व्यस्त रहता है. लेकिन जिसके पास धन नहीं है वह क्या करे, इस पर चाणक्य कहते हैं कि उद्यम करने यानि मेहनत करने से दरिद्रता दूर होती है. इसका आशय ये है कि जो व्यक्ति पूरी मेहनत से कार्य को पूरा करने में जुटा रहता है उसके जीवन में कभी गरीबी नहीं आती है. क्योंकि मेहनत कभी भी व्यर्थ नहीं जाती है.
जप करने से मिलती है पाप से मुक्ति
व्यक्ति पाप के भय से परेशान रहता है. इसलिए जो व्यक्ति ईश्वर की आराधना करते हैं, प्रभु की भक्ति में लीन रहते हैं और निरंतर जप करते रहते हैं वे पापों से मुक्त रहते हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार आध्यात्म से व्यक्ति का मन स्वच्छ रहता है. वह पापों से बचा रहता है. चाह कर भी ऐसे लोग गलत कार्य नहीं करते हैं.
मौन से कलह का नाश होता है
कलह व्यक्ति का नाश कर देती है. आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति कलह से बचा रहता है वह अपनी प्रतिभा का सही इस्तेमाल करता है. कलह से बचने के लिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मौन रहकर कलह से बचा जा सकता है. कलह का प्रभाव मौन धारण करने से समाप्त हो जाता है. जो ऐसा नहीं करते हैं वे नुकसान उठाते हैं.
जो जागता है उसे नहीं लगता है भय
जो व्यक्ति हर समय सचेत रहता है. उसके जीवन से भय समाप्त हो जाता है. भय का नाश करने के लिए व्यक्ति को जागते रहना चाहिए. जो व्यक्ति ऐसा करता है उसे किसी भी प्रकार डर नहीं रहता है. ऐसे लोग निडर और साहसी होते हैं.
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