Chanakya Niti: एक राजा को अपनी प्रजा पर किस तरह से 'कर' लगाने चाहिए? क्या थी चाणक्य की राजस्व व्यवस्था, यहां पढें
Chanakya Niti: कौटिल्य के जरिए लिखे अर्थशास्त्र में देश के बजट, राजकोष, टैक्स को लेकर कई महत्वपूर्ण बाते बताई गईं है. जानते हैं चाणक्य के मुताबिक एक राजा को अपनी प्रजा पर किस तरह से कर लगाने चाहिए.
Chanakya Niti: भारत में कई अर्थशास्त्री हुए जिन्होंने देश और उसकी जनता को एक दिशा दी है. इन्हीं में से एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं आचार्य चाणक्य, इन्हें कौटिल्य नाम से भी जाना जाता है.
1 फरवरी 2023 को भारत की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मलासीतारमण केंद्रिय बजट पेश करेंगी. कौटिल्य के जरिए लिखे अर्थशास्त्र में देश के बजट, राजकोष, टैक्स (कर) को लेकर कई महत्वपूर्ण बाते बताई गईं है. आइए जानते हैं चाणक्य के अनुसार एक राजा को अपनी प्रजा पर किस तरह से कर लगाने चाहिए.
चाणक्य के अनुसार कैसा हो बजट (Budget According to Chanakya)
मधुमक्खी से लें सीख
चाणक्य के अनुसार एक देश के राजा की सबसे बड़ी ताकत होती है उसका राजकोष (सरकारी खजाना). चाणक्य कहते हैं कि देशी की उन्नति और जनता के कल्याण के लिए देश पर शासन करने वाले को नैतिकता को ध्यान में रखते हुए कर व्यवस्था करनी चाहिए और फिर अपना बजट बनाना चाहिए.
चाणक्य ने एक उदाहरण देते हुए बताया है कि जिस तरह मधुमक्खी फूलों को बिना नुकसान पहुंचाए रस लेकर लोगों के फायदे के लिए शहद बनाती है. उसी प्रकार देश पर शासन करने वालों को अपना बजट बनाना चाहिए, जिससे जनता पर कर का बोझ न आए और उन्हें मुनाफा हो.
समानता के आधार पर विकास
कौटिल्य अर्थशास्त्र में एक श्लोक के जरिए बताया है कि बजट को बनाते समय किन खास चीजों का ध्यान रखना चाहिए. चाणक्य कहते हैं - अलब्धलाभार्था लब्धपरिरक्षणी रक्षितविवर्धनी वृद्धस्य तीर्थे प्रतिपादनी च अर्थात कौटिल्य के अनुसार जो प्राप्त न हो वो प्राप्त करना, जो प्राप्त हो गया हो उसे संरक्षित करना, जो संरक्षित हो गया उसे समानता के आधार पर बांटना चाहिए, तभी देश और जनका का विकास संभव है.
इन लोगों पर करें फोकस
कौटिल्य अर्थशास्त्र कहता है कि युवाओं की तरक्की से ही देश की उन्नति संभव है. इसके लिए रोजगार के नए अवसर, आयकर को ध्यान में रखते हुए बजट बनाया जाना चाहिए. साथ ही देश के राजा को ऐसी सुविधाएं, योजनाएं या छुट देनी चाहिए, जिससे समाज के निम्न वर्ग को सुख-सुविधाएं मिल से, क्योंकि गरीबी में जीवन यापन करने वालों के लिए महंगाई की मार झेलना बहुत पीड़ादायक है.
निवेश में बढ़ावा
चाणक्य ने कहा है कि देश के राजा को निवेश और व्यापार करने की लागत में सुधार लाने के लिए बजट में बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) के निर्माण को प्राथमिकता देनी चाहिए. आज के दौर में देखें तो सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन के निर्माण कार्य पर मजबूती से कार्य करने की योजना बजट में शामिल होनी चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि देश की तरक्की के लिए इन क्षेत्रों पर गौर करना बेहद जरुरी है.
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