Chanakya Niti Hindi: चाणक्य ने मानव के जीवन को प्रभावित करने वाले सभी रिश्तों को बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था. मनुष्य को वैसे तो सभी रिश्ते विरासत में मिलते हैं लेकिन मित्र का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता है जिसे मनुष्य स्वयं बनाता है. सच्चा मित्र जहां ईश्वर के अंश के समान है वहीं दुष्ट और धोखेबाज मित्र किसी रोग से कम नहीं है. इसलिए मित्र बनाते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.


सच्चा मित्र कौन है
आचार्य चाणक्य के अनुसार सच्चा मित्र वो है जो गलत कामों को करने से रोके. मित्र में यदि गुण है तो वह सच्चा मित्र है. इसके अतिरिक्त सच्चा मित्र सदैव ही सही सलाह देता है. मुसीबत के समय ढाल बनकर खड़ा रहता है. बुरे वक्त में साए की तरह रहता है और सुख दुख में सहभागी बनता है. इन गुणों से पूर्ण व्यक्ति ही सच्चा मित्र कहलाने का हकदार होता है.


ऐसे मित्रों से सदैव सावधान रहें
धोखे बाज मित्रों से सदैव सर्तक रहना चाहिए. इन्हें पहचाना आसान नहीं होता है. ये बहुत जल्दी दिल और दिमाग में अपनी जगह बना लेते हैं. व्यक्ति यदि धर्म कर्म में रूचि रखने वाला नहीं है और संस्कार और शिक्षा का अभाव है तो धोखेबाज मित्र का पता लगा पाना बहुत ही मुश्किल होता है.  इसलिए इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए-


प्रशंसा करने वाले मित्र से सावधान रहें
गलत कामों पर भी जो प्रशंसा करे या हमेशा प्रशंसा करे. ऐसे मित्र से सावधान रहना चाहिए. ऐसे मित्र कभी भी साथ छोड़ सकते हैं. बेहतर यही है कि ऐसे लोगों से जितनी जल्दी हो दूरी बना लेनी चाहिए.


पद और धन को महत्व देने वाले मित्र से दूरी बनाएं
जो आपके पद और धन को देखकर मित्रता करे ऐसे मित्र अधिक दिनों तक साथ नहीं देते हैं. ये तभी तक साथ रहते हैं जब तक आपके पास पद और धन है, क्योकि ऐसे लोग आपसे नहीं आपके रूतबे और धन से जुड़ते हैं. ऐसे लोगों का मतलब हल होते ही साथ छोड़ देते हैं.


गलत कार्यों के लिए प्रेरित करे
ऐसे मित्रों से सदैव बचकर रहना चाहिए जो आपको गलत कार्यों के लिए प्रेरित करें. ऐसे मित्र कभी भी बड़ी मुसीबत में डाल सकते हैं. ऐसे लोगों से जितनी जल्दी हो सके दूरी बना लें.


Chanakya Niti: जो गुरूर से मुक्ति और सही राह दिखाए वही गुरु है