Chanakya Niti Hindi: आचार्य चाणक्य की गिनती श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य ने समाज और समाज के निर्माण में मनुष्य की उपस्थिति का बहुत गहनता से अध्ययन किया था. चाणक्य विद्वान होने के साथ साथ एक योग्य शिक्षक, समाजशास्त्री और अर्थशास्त्री भी थे. चाणक्य विश्वविख्यात तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे. वे सफल कूटनीतिज्ञ भी थे.
चाणक्य के अनुसार धरती पर जिसने जन्म लिया है उसके जीवन में बुरा वक्त जरूर आता है. बुरा वक्त इंसान की परीक्षा लेने के लिए आता है. जो इस परीक्षा में उत्तीर्ण यानि पास हो जाता है वह जीवन को सफलता पूर्वक जीता है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है. चाणक्य के अनुसार जब व्यक्ति का बुरा वक्त आए तो धैर्य और संयम से काम लेना चाहिए और इस बात को हमेशा में ध्यान में रखना चाहिए-
कामधेनुगुणा विद्या ह्ययकाले फलदायिनी।
प्रवासे मातृसदृशा विद्या गुप्तं धनं स्मृतम्॥
इस श्लोक के माध्यम से चाणक्य ये बताना चाहते हैं कि विद्या यानि शिक्षा ठीक उसी प्रकार से गुणों वाली है जैसे कामधेनु गाय. विद्या ही एक मात्र ऐसी चीज है जो बुरे समय भी फल प्रदान करती है और निराशा को दूर करती है. विद्या प्रवास काल में मां के समान है और यही गुप्त धन है.
चाणक्य के अनुसार विद्या ही ऐसा गुप्त धन है जिसको प्राप्त करने के बाद बुरे से बुरे समय को भी हंसते हुए काटा जा सकता है. इसलिए शिक्षा के महत्व को जानना और समझना बहुत ही जरूरी है. क्योंकि शिक्षा के महत्व को जिसने समय लिया उसके जीवन से अंधेरा कोसों दूर चला जाता है. शिक्षित और ज्ञानवान व्यक्ति का सम्मान सात समंदर पार भी होता है. ऐसे लोग किसी सीमा बंधकर नहीं रहते हैं इन्हें हर कोई अपनाने के लिए सदैव तत्पर रहता है.
Chanakya Niti: असफलता में ही छिपा होता है सफलता का राज, कभी न हारें हिम्मत