Chanakya Niti Hindi: चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति की असली पहचान संकट के समय ही होती है. जो व्यक्ति बुरे वक्त या विपत्ति के समय भी अपना धैर्य नहीं खोता है, वही व्यक्ति आगे चलकर जीवन में सफलता प्राप्त करते है .
आज का दिन भगवान शिव को समर्पित है. सावन मास चल रहा है. सावन मास में सोमवार की पूजा का विशेष महत्व है. सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता है. भगवान शिव का जीवन नित नए सृजन के लिए प्रेरित करता है. जिस प्रकार भगवान शिव नवजीवन के प्रतीक हैं, उसी प्रकार श्रेष्ठ व्यक्ति अपनी प्रतिभा और क्षमता से कुछ न कुछ नया करता रहता है. सृजन की यही आदत व्यक्ति को बड़ा बनाती है. इसलिए इन बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए-
संकट से न घबराना
क्षमतावान व्यक्ति की सबसे बड़ी विशेषता यही होती है कि वह संकट के समय घबराता नहीं है और संकट को दूर करने के लिए प्रयास करता है. संकट के समय निस्वार्थ भाव से जो मानव कल्याण को ध्यान में रखकर कार्य करता है, ऐसे व्यक्ति की सदैव प्रशंसा होता है.
त्याग करने के लिए सदैव तैयार रहें
त्याग की भावना जिस व्यक्ति में होती है उसके पास न चाहते हुए भी सभी प्रकार की सुख सुविधाएं होती हैं. जिस प्रकार भगवान शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए स्वयं विषपान किया, उसी प्रकार श्रेष्ठ व्यक्ति किसी भी प्रकार का त्याग करने के लिए सदैव तैयार रहता है. त्याग की भावना व्यक्ति को मानवता के करीब लाती है. ऐसे व्यक्ति सम्मान के पात्र होते हैं.
कल्याण की भावना होनी चाहिए
जिस व्यक्ति में कल्याण की भावना नहीं होती है वह न तो अपना विकास कर पाता है और न ही उसके किए गए कार्यों से मानव को कोई भला होता है. शिव की तरह व्यक्ति को मानव कल्याण के बारे में सोचना चाहिए. शिव का अर्थ कल्याण भी होता है. इसलिए जीवन में यदि बड़ा बनना है तो इस बात का सैदव ध्यान रखें कि उसके किए जा रहे हैं कार्य से लोगों का कितना कल्याण होगा. जो व्यक्ति इस विचार से कार्य को आरंभ करता है उसका सदैव कल्याण होता है.
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