Chanakya Niti: इन तीन चीजों से स्त्रियों को सदैव दूर रहना चाहिए, नहीं तो उठानी पड़ती है परेशानी
Chanakya Niti In Hindi: 23 जुलाई को हरियाली तीज है. हरियाली तीज का पर्व महिलाओं को समर्पित है. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर व्रत रखती हैं. चाणक्य ने महिलाओं को अवगुणों से दूर रहने की सलाह दी गई है. आइए जानते हैं आज की चाणक्य नीति.
Chanakya Niti Hindi: चाणक्य के अनुसार महिलाएं कई मामलों में पुरूषों से श्रेष्ठ होती हैं. आचार्य चाणक्य का मानना था कि अवगुणों से दूर रहने वाली स्त्री सम्मान की पात्र होती है. गुणवान स्त्री घर को स्वर्ग बना देती है वहीं अवगुणों से युक्त स्त्री स्वर्ग को भी नरक बना सकती है.
हमारे शास्त्रों में गुणवान स्त्री का वर्णन किया जाता है. क्योंकि गुणों से युक्त स्त्री ही घर की शोभा होती है. स्त्री को सम्मान, त्याग, करूणा और मामता का प्रतीक माना जाता है. चाणक्य के अनुसार गुणवान स्त्री कुल का गौरव बढ़ाने में सक्षम होती है. स्त्री को शक्ति का भी प्रतीक माना गया है. इसलिए स्त्रियों को अपनी क्षमताओं का पूर्ण ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है.
चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि स्त्रियों को सदैव ही अवगुणों से दूर रहना चाहिए. अवगुणों से युक्त स्त्री स्वयं का जीवन तो नष्ट करती ही है दूसरों को भी मुसीबतों में डाल देती है. इसलिए इन अवगुणों से हमेशा दूरी बनाकर रखना चाहिए.
लालच का त्याग करें चाणक्य नीति कहती है कि चाणक्य कई मुसीबतों की जड़ है. स्त्री में यह जब लालच की प्रवृत्ति आ जाए तो ये और भी खतरनाक स्थिति का निर्माण करती है. इसलिए लालच से स्त्रियों को हमेशा दूर रहना चाहिए. जो स्त्री लालच करती है दूसरों की वस्तुओं को लालच भरी नजरों से देखती है, ऐसी स्त्री सदैव दुखी रहती है. सब कुछ होते हुए भी ऐसी स्त्री संतुष्ट नहीं होती है.
अंहकार प्रसन्नता का नाश करता है स्त्री को हमेशा प्रसन्नचित रहना चाहिए. प्रसन्न रहने से घर में सुख समृद्धि आती है. घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. ऐसे घर को लक्ष्मी भी छोड़कर नहीं जाती हैं. वहीं जब स्त्री में अहंकार आ जाता है और इसका प्रदर्शन जब दूसरों को नीचा दिखाने के लिए किया जाने लगता है तो ये और भी अधिक घातक हो जाता है. अहंकार से युक्त स्त्री का सबकुछ नष्ट हो जाता है. उसके अपने और करीबी भी धीरे-धीरे उसका साथ छोड़ देते हैं.
अशिक्षा का नाश करें अशिक्षा एक अभिशाप की तरह है. शिक्षा का अर्थ अक्षर ज्ञान नहीं होता है शिक्षा का अर्थ कल्याण भी होता है. शिक्षित स्त्री शिक्षा के माध्यम से अपने परिवार और समाज के कल्याण में विशिष्ट योगदान प्रदान करती है. इसलिए स्त्री को शिक्षा से पूर्ण होना चाहिए. शिक्षित स्त्री अच्छे और बुरे का भेद कर सकती है. अपने परिवार की रक्षा करने में सक्षम होती है.
हरियाली तीज राशिफल: मेष, कन्या और तुला राशि सहित सभी 12 राशियों का जानें भविष्य