Chanakya Niti Hindi: चाणक्य ने जीवन जीने के लिए धन की उपयोगिता पर बल दिया है. चाणक्य स्वयं अर्थशास्त्री थे. इसलिए उन्हें व्यक्ति के जीवन में धन का महत्व ज्ञात था. वर्तमान समय में धन के बिना विकास और सुख सुविधाओं की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. क्योंकि भौतिकवादी युग में धन ही एक मात्र ऐसा साधन है जिसकी मदद से व्यक्ति अपने जीवन को सफल और सुखमय बना सकता है. लेकिन धन इतनी आसानी से प्राप्त नहीं होता है. धन की देवी माता लक्ष्मी का आर्शीवाद व्यक्ति को तभी प्राप्त होता है जब उसमें ये बात हो.


लक्ष्मी की कामना हर व्यक्ति अपने मन में रखता है. लेकिन लक्ष्मी जी का आर्शीवाद सभी को प्राप्त नहीं होता है. इसलिए चाणक्य इन बातों पर ध्यान देना चाहिए-


ऐसे घर में टिक कर रहती हैं लक्ष्मी जी
लक्ष्मी जी उस घर को अधिक पसंद करती है जहां कलह नहीं होती है. घर के सभी सदस्यों में परस्पर प्रेम रहता है. जहां पति और पत्नी में प्यार रहता है विवाद की स्थिति नहीं होती है वहां पर लक्ष्मी जी को रहना अधिक पसंद आता है.


वाणी दोष होने पर लक्ष्मी जी रूठ जाती हैं
जिस व्यक्ति की भाषा मधुर नहीं होती है और दूसरों का अपमान करता है ऐसे व्यक्ति से लक्ष्मी जी दूर ही रहती हैं. व्यापार के मामले में वहीं लोग अधिक सफल होते हैं जिनकी वाणी सौम्य और मधुर होती है. वाणी खराब करने से लक्ष्मी जी दूर हो जाती है.


सहयोगी कर्मियों का सम्मान करें
लक्ष्मी जी ऐसे व्यक्ति से प्रसन्न रहती हैं जो अपने सह कर्मियों का सम्मान करते हैं. उनका अधिकारों की रक्षा और हितों का ध्यान रखते हैं. ऐसे भाव रखने वाले व्यक्ति लक्ष्मी जी प्रसन्न रहती है और आर्शीवाद प्रदान करती हैं.


दान पुण्य के कार्य करने चाहिए
धनवान व्यक्ति को दान-पुण्य के कार्यों को करते रहना चाहिए. इससे लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. दान पुण्य के कार्य करने से ग्रहों की अशुभता दूर होती है. नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. असुरी शक्तिओं से बचाव होता है. इसलिए दान पुण्य के कार्य करते रहने चाहिए.


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