Chanakya Niti Hindi: चाणक्य के अनुसार व्यक्ति का जीवन दिन और रात के समान है. यहां दिन और रात का तात्पर्य सुख और दुख से है. यानि जिस प्रकार से रात के बाद दिन का होना सुनिश्चित है उसी प्रकार से दुख के बाद सुख के क्षण आना निश्चित हैं.


आचार्य चाणक्य स्वयं में एक विद्वान थे और उन्होंने समाज को प्रभावित करने वाले सभी कारकों का गहराई से अध्ययन किया था. मनुष्य की सफलता में बाधक बनने वाले तत्वों का भी उन्होंने बारीकी से अध्ययन किया था. मनुष्यों के अध्ययन के आधार पर चाणक्य ने पाया कि सफलता उसी व्यक्ति को मिलती है जो असफलताओं से नहीं घबराता है. वहीं सफलता न मिलने पर जो भाग्य को दोष देते हैं उनका आत्मविश्वास कमजोर होता है. जिस कारण ऐसे लोग सफलता के स्वाद को चखने के लिए तरसते रहते हैं. इसलिए चाणक्य की इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए.


भाग्य को नहीं अपनी रणनीति में सुधारें
जब व्यक्ति को कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती है तो उसे भाग्य को दोष नहीं देना चाहिए बल्कि उसे अपने रणनीति की समीक्षा करनी चाहिए. क्योंकि कई बार रणनीति कमजोर होने के कारण भी व्यक्ति सफलता से वंचित रह जाता है.


योजना का नहीं करना चाहिए खुलासा
व्यक्ति को कभी अपनी योजना का खुलासा नहीं करना चाहिए. जब कार्य पूर्ण  न हो जाए तब तक व्यक्ति को अपनी योजना को गुप्त रखना चाहिए. चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपनी योजनाओं को बताने लगता है तो सफलता उससे दूर हो जाती है. योजना का खुलासा कर देने से प्रतिद्वंदी सर्तक हो जाते हैं.


आत्मविश्वास को न गिरने दें
सफलता के लिए आत्मविश्वास मजबूत होना बहुत ही जरुरी होता है. चाणक्य के अनुसार युद्ध सिर्फ शस्त्रों से ही नहीं बल्कि आत्मविश्वास से भी जीता जाता है. जिस देश के सैनिकों का आत्मविश्वास मजबूत होता है वे सीमित संसाधनों से भी शत्रु का पराजित करने की शक्ति रखते हैं. इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है. इसलिए सफलता के लिए व्यक्ति का आत्मविश्वासी होना बहुत ही जरुरी होता है. क्योंकि भाग्य भी उन्ही का साथ देता है जिनका आत्मविश्वास मजबूत होता है.


संकट के समय भी लक्ष्य से न भटकें
संकट के समय जो व्यक्ति अपने लक्ष्य पर अटल रहते हैं उन्हें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. भाग्य उन्ही लोगों का चमकता है जो विपरीत परिस्थियों में भी अपने लक्ष्य को लेकर प्रयासरत रहते हैं.


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