Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार जहां ये 6 चीजें न हों, उस स्थान को तुरंत त्याग देना चाहिए, जानें चाणक्य नीति
Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को उस स्थान को तत्काल त्याग देना चाहिए जहां पर ये 6 चीजें न हों. आइए जानते हैं, चाणक्य नीति.
Chanakya Niti Hindi: चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति को जीवन में सफल बनाने के लिए प्रेरित करती है. चाणक्य को कई विषयों की जानकारी थी. चाणक्य अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र, सैन्य शास्त्र के साथ साथ सामाजिक शास्त्र के भी ज्ञाता और मर्मज्ञ थे.
चाणक्य का संबंध विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यालय से था. चाणक्य ने इसी विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और बाद में वे इसी विद्यालय में शिक्षक भी हुए. चाणक्य में राष्ट्रवाद की भावना कूट कूृटकर भरी थे. वे हर कार्य को बहुत ही सोच समझ कर करते थे.
जीवन में यदि सफलता प्राप्त करनी है तो चाणक्य की बातों को जरूर जानना चाहिए. चाणक्य की बातों को आज भी लोग अपनाते और मानते हैं. चाणक्य की शिक्षाएं व्यक्ति को आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती हैं. यही वजह है आज भी बड़ी संख्या में लोग चाणक्य की बातों को जीवन में उतारते हैं. जीवन में कुछ बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए. चाणक्य का मानना था कि इन मामलों में व्यक्ति को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.
ऐसे स्थान को जितना जल्दी हो सके छोड़ देना चाहिए चाणक्य के अनुसार जहां पर राजा, व्यापारी, डाक्टर, विद्वान, वेदों का ज्ञाता और नदी न हो. उस स्थान को तुरंत छोड़ देना चाहिए. आचार्य चाणक्य का मानना था कि जीवन में इन चीजों की बहुत जरूरत पड़ती है. जहां पर राजा नहीं होगा तो संकट की स्थिति में न्याय नहीं मिलेगा. राजा नहीं होगा तो कोई भी कभी भी शोषण कर सकता है. नियम और कानून पर किसी का नियंत्रण नहीं होगा. ऐसी स्थिति में जीवन हर समय खतरे में बना रहेगा.
चाणक्य के अनुसार भौतिक जीवन में धन के बिना कोई कार्य संभव नहीं है. व्यापारी और सेठ नहीं होंगे तो धन कहां से प्राप्त होगा. धन के बिना जीवन संभव नहीं है. इसके साथ ही सत्य और गलत का भेद बताने के लिए एक विद्वान का होना बहुत ही जरूरी होता है. शिक्षा और ज्ञान विद्वान से ही प्राप्त होता है. वहीं जब वेद का ज्ञाता नहीं होगा तो भी व्यक्ति मोह, माया और लालच के फेर में फंसा रहेगा. अंत में जब नदी नहीं होगी तो अन्न का संकट बना रहेगा.