Chanakya Niti Hindi: चाणक्य एक विद्वान, अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री होने के साथ साथ एक योग्य शिक्षक भी थे. आचार्य चाणक्य विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यालय के बच्चों को पढ़ाया भी करते थे. चाणक्य की शिक्षाएं आज भी लोगों को आगे बढ़ने और सफल होने के लिए प्रेरित करती हैं.
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को असफलताओं से कभी भी घबराना नहीं चाहिए. जीवन में सफलता और असफलता आती जाती रहती हैं. जीवन में कई बार ऐसे अवसर आते हैं जब कठोर परिश्रम के बाद भी मनचाहे परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं. चाणक्य के मुताबिक इस स्थिति में निराश नहीं होना चाहिए, खराब परिणामों का शोक नहीं मनाना चाहिए. ये कायरों के काम हैं. मनुष्य वही है जो गिरने के बाद भी खड़े होने का हौसला न छोडे़. जीवन में जब कभी भी ऐसी स्थिति आ जाए तो चाणक्य की इन बातों का कभी न भूलें.
असफलताओं से सीख लें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को असफलताओं से कभी हताश नहीं होना चाहिए. असफलता ही व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. असफल होने पर आत्मचिंतन करना चाहिए और ये ज्ञात करने की कोशिश करनी चाहिए कि आखिर कहां पर कमियां रहीं जिसकी वजह से असपलता का मुंह देखना पड़ा. यदि आप ऐसा करते हैं तो निश्चित तौर पर अगली बार आपके हिस्से में ऐसे परिणाम आएंगे जो लोगों को चकित कर देंगे.
संयम और धैर्य कभी छोड़ें
असफल होने या खराब परिणाम आने पर सबसे जरूरी बात ये है कि व्यक्ति को किसी परिस्थिति में संयम और धैर्य को नहीं छोड़ना चाहिए. खराब समय में जब आप धैर्य के साथ काम लेंगे तो आगे बढ़ने की प्ररेणा मिलेगी. धैर्य बनाए रखने से आगे की रणनीति की बेहतर ढंग से पूरा कर सकेगें.
पुन: प्रयास करना चाहिए
असफल होने के बाद संभावनाओं के द्वार बंद नहीं होते हैं. व्यक्ति जब तक सफल नहीं होता है उसे अपने प्रयासों को जारी रखना चाहिए. जब तक सफलता प्राप्त न हो जाए व्यक्ति को रूकना नहीं चाहिए. लोगों की परवाह किए बगैर अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते रहे. सफल होने के बाद जो कल तक आपकी आलोचना करते थे वही व्यक्ति सफल होने पर बधाई देने वालों की पंक्ति में सबसे आगे दिखाई देंगे.
Chanakya Niti: सफलता सोचने से नहीं करने से मिलती, न भूलें ये बात