Chanakya Niti Hindi: चाणक्य के अनुसार जीवन में सफलता उसी को मिलती है जो अपने कार्यों को समय पर करता है और पूरी निष्ठा से इन कार्यों को अंजाम देता है. सफलता व्यक्ति को बहुत ही परिश्रम और संघर्ष से प्राप्त होती है इसलिए इसका सम्मान करना चाहिए और इस बनाए रखने के लिए निरंतन प्रयास करते रहना चाहिए.


चाणक्य के अनुसार व्यक्ति जब सफल हो जाता है कि तो वह पुराने दिनों को भूलने लगता है. व्यक्ति को अपने संघर्षों के दिनों को कभी नहीं भूलना चाहिए. सफल व्यक्ति के कार्यों में मानव कल्याण की भावना सदैव बनी रहनी चाहिए. यही भावना व्यक्ति को जीवन में सदैव बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करती है. सफल व्यक्ति को इन बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए.


सफलता पर गर्व न करें
चाणक्य नीति कहती है कि अंहकार व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु होता है. इसलिए इससे दूर ही रहना चाहिए. महाभारत और रामायण की कथाएं इसका उदाहरण हैं. इसलिए चाणक्य की इस बातों पर गंभीरता से गौर करना चाहिए. सफलता अंहकार भी लाती है. यहीं व्यक्ति को सर्तक होने की जरुरत है. सफलता पर कभी अंहकार नहीं करना चाहिए. अंहकार करने से सफलता का अहमियत स्वयं की नजरों में कम हो जाती है. इसलिए सफलता मिलने पर व्यक्ति को गंभीर हो जाना चाहिए.


सफल व्यक्ति को तारीफ सुनने की आदत से बचना चाहिए
चाणक्य के अनुसार सफल व्यक्ति को कुछ गलत आदतों से बचकर रहना चाहिए. इन आदतों में एक प्रशंसा सुनने की आदत भी है. प्रशंसा हर व्यक्ति को पसंद है. लेकिन इसका आदी होना अच्छा नहीं होता है. इससे प्रतिभा का नुकसान होता है. व्यक्ति तारीफ सुनकर आत्ममुग्ध होने लगता है. और उसे हर पल अपने आसपास प्रशंसा करने वाले लोगों की जरुरत महसूस होने लगती है. यह आदत व्यक्ति की प्रतिभा का नाश करती है और कई बुराईयों को जन्म देती है. इसलिए इस रोग से बचना चाहिए.


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