Chanakya Niti Hindi: दांपत्य जीवन में मधुरता और जीवन साथी का सहयोग जीवन में बहुत जरुरी है. जिस व्यक्ति का दांपत्य जीवन सुखद नहीं होता है वह घर और बाहर की परिस्थितियों के बीच संतुलन बनाने में असर्मथ रहता है. क्योंकि ऐसा व्यक्ति मानसिक तनाव से जुझता रहता है. चाणक्य के अनुसार जीवन में सफल होने के लिए सबसे पहले तनाव से मुक्ति पाएं. दिमाग में यदि तनाव रहेगा तो मन और मस्तिष्क दोनों विपरीत दिशा में चलेंगे.


चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति घर - परिवार के तनावों से मुक्ति है उसके लिए किसी भी प्रकार की सफलता मुश्किल नहीं है. तनावों से व्यक्ति तभी मुक्त हो सकता है जब वह अपनी प्रत्येक जिम्मेदारियों का सही तरह से निर्वाहन करें और धर्म कर्म के कार्यों में रूचि ले. धर्म व्यक्ति को अनुशासित और जागरूक बनाता है, जीवन जीने की कला सिखाता है. इसलिए धर्म से व्यक्ति को सदैव जुड़ाव रखना चाहिए.


जीवनसाथी की भावनाओं को समझें
सच्चा जीवन साथी वही है जो सुख और दुख में हमेशा साथ खड़ा रहे. दांपत्य जीवन में यह भाव सबसे महत्वपूर्ण है. जीवन साथी वही है जो जीवन भर साथ निभाए. चाणक्य के अनुसार मित्र, सेवक और जीवन साथी की पहचान संकट के समय होती है. चाणक्य नीति कहती है कि जिस व्यक्ति के दांपत्य जीवन में मधुरता और परिपक्वता होती है, उसे जीवन में सफलता अवश्य मिलती है.


दांपत्य जीवन में अहम को कभी न आने दें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को कभी भी अहम नहीं करना चाहिए. अहम कई प्रकार की परेशानियों की जड़ है. इसलिए अहम से सदैव दूर ही रहना चाहिए. चाणक्य का मानना है कि व्यक्ति को अहम से मुक्त होना चाहिए. अहम से मुक्त हुए बिना व्यक्ति स्वयं से साक्षात्कार नहीं कर सकता है. इसलिए दांपत्य जीवन में अहम को कोई भी स्थान नहीं देना चाहिए. पति और पत्नी का सम्मान अलग अलग नहीं होता है इस बात को गंभीरता से जान लेना चाहिए. जो इसमे भेद करते हैं उन्हें दांपत्य जीवन में परेशानी उठानी पड़ती है.


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