Chanakya Niti: व्यक्ति की सफलता में सबसे बड़ी बाधा होती हैं ये तीन चीजें
Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य की चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को यदि जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो कुछ चीजों हमेशा दूरी बनाकर रखना चाहिए. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को गलत आदतों से दूर रहना चाहिए. आइए जानते हैं आज की चाणक्य नीति.
Chanakya Niti Hindi: चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माने जाते हैं. चाणक्य एक शिक्षक होने के साथ साथ कुशन रणनीतिकार, अर्थशास्त्री, समाज शास्त्री भी थे. इसके साथ ही वे स्वयं में एक प्रबुद्ध व्यक्ति थे. चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति को सही ढंग से जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है. इसीलिए चाणक्य नीति आज भी प्रासंगिक है. जो व्यक्ति चाणक्य नीति का नित्य अध्ययन करता है और चाणक्य नीति की बातों को अपने जीवन में उतारता है, ऐसे व्यक्ति जीवन में ऊंचाइयां प्राप्त करते हैं.
चाणक्य के अनुसार जीवन में सफलता उसी व्यक्ति को मिलती है जो गलत आदतों से दूरी बना कर रखता है. चाणक्य नीति कहती है कि गलत आदतें व्यक्ति की प्रतिभा का नाश करती हैं. प्रतिभाशाली व्यक्ति कितना ही योग्य क्यों न हो यदि उसमें गलत आदते हैं तो उसे निराशा ही हाथ लगेगी. इसलिए समय रहते ही संभल जाना चाहिए. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को इन आदतों से दूर रहना चाहिए.
झूठ बोलने से मिलता है अपयश चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को सफल होना है तो सच बोलने की आदत डालनी चाहिए. क्योंकि झूठ बोलने वाले को कभी सम्मान प्राप्त नहीं होता है. झूठ बोलकर कुछ समय के लिए तो लाभ प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन जब झूठ से पर्दा उठता है तो शर्मिंदा होने के अलावा कोई चारा नहीं बचता है. चाणक्य ने इसीलिए व्यक्ति को झूठ बोलने की आदत से बचना चाहिए.
धन और पद का कभी न करें अहंकार चाणक्य के अनुसार अंहकार व्यक्ति का नाश करता है. अंहकार कभी नहीं करना चाहिए. जो व्यक्ति अपने पद और धन का प्रदर्शन करते हैं और दूसरों पर इसका रौब दिखाते हैं. ऐसे लोग समाज में कभी भी सम्मान की दृष्टि से नहीं देखे जाते हैं. चाणक्य के अनुसार अंहकार की आदत व्यक्ति का पतन करती है. अंहकार व्यक्ति को सफलताओं से दूर कर देता है.
डींग मारना एक गलत आदत है चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है जो व्यक्ति अनावश्यक बातों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता है उसे व्यक्ति से दूरी बना लेनी चाहिए. क्योंकि ऐसे व्यक्ति को अपने स्वार्थ के लिए किसी भी स्तर तक जा सकते हैं. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को डींग मरने की आदत से बचना चाहिए. क्योंकि समाज में ऐसे लोगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है.