Chanakya Niti Hindi: चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ कई अन्य विषयो में भी महारत हासिल थी. चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति को जीवन में किस तरह का आचरण करना चाहिए इसके बारे में भी बताती है. चाणक्य नीति व्यक्ति को जीवन में सफल बनने के लिए प्रेरित करती है यही नहीं संकट के समय व्यक्ति को किन किन बातों को ध्यान रखना चाहिए इस पर भी प्रकाश डालती है.
चाणक्य नीति की प्रांसगिकता आज भी कायम है. इसके पीछे ठोस वजह ये है कि चाणक्य द्वारा बताई गई बातें व्यक्ति को जीने का मार्ग दिखाती हैं. यही वजह है कि इतने वर्षों के बाद भी चाणक्य नीति की लोकप्रियता में कोई अंतर नहीं आया है. चाणक्य नीति व्यक्तियों के चयन को लेकर भी अगाह करती है. किस तरह के व्यक्तियों से बचना चाहिए इस पर चाणक्य ने कुछ बातें बताई हैं.
मूर्खस्तु परिहर्तव्य: प्रत्यक्षो द्विपद: पशु:.
भिनत्ति वाक्यशल्येन अदृष्ट: कण्टको यथा.
चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से यह बताने का प्रयास करते हैं कि मूर्ख से दूर रहना और उसका त्याग कर देना ही समझदारी है. क्योंकि ऐसे लोग प्रत्यक्ष रूप से दो पैरों वाले पशु के समान होते हैं. वह वचन रूपी वाणों से मनुष्य को ऐसे बींधता है जैसे अदृश्य कांटा शरीर में घुसकर कष्ट प्रदान करता है.
चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को अपनी संगत को लेकर गंभीर और सतर्क रहना चाहिए. व्यक्ति को सदैव अच्छी संगत में उठना बैठना चाहिए. जो व्यक्ति शिक्षित और प्रतिभाशाली लोगों के बीच रहता है, वह सदैव जीवन में सफलता प्राप्त होता है. क्योंकि अच्छे व्यक्ति कभी गलत सलाह नहीं देते हैं और सकारात्मक विचारों से पूर्ण होते हैं. जीवन में यदि आगे बढ़ना है तो सकारात्मक विचारों को जरूर अपनाना चाहिए. वहीं अज्ञानी, मूर्ख और मतलबी लोग हमेशा हानि पहुंचाते हैं. इसलिए ऐसे लोगों से किनारा कर लेने में ही भलाई है.
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