Chanakya Niti Hindi: चाणक्य एक श्रेष्ठ शिक्षक होने के साथ साथ एक विद्वान भी थे. चाणक्य को समाज शास्त्र, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र और कूटनीति शास्त्र का भी अच्छा ज्ञान था. चाणक्य ने मनुष्य को प्रभावित करने वाले सभी विषयों का बहुत गहराई से अध्ययन किया था. चाणक्य का मानना था कि व्यक्ति को कोई नया कार्य आरंभ करने से पहले कुछ विशेष बातों को ध्यान रखना चाहिए.


चाणक्य के अनुसार नए कार्य से व्यक्ति की अभिलाषा और उसका लक्ष्य निर्धारित होता है. जब कोई व्यक्ति नया व्यापार आरंभ करता है या फिर किसी नई जिम्मेदारी को संभालता है तो उसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए.


योजना बनाकर कार्य को आरंभ करें
चाणक्य के अनुसार जब किसी नई जिम्मेदारी या व्यापार संबंधी नए कार्य को आरंभ करें तो सबसे पहले उसकी योजना जरूर बनानी चाहिए. योजना बनाकर कार्य करने से सफलता की संभावना बढ़ जाती है. जो लोग बिना योजना के कार्य आरंभ करते हैं उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. योजना चरणबद्ध ढंग से होनी चाहिए, जैसे कार्य के प्रथम चरण में क्या करना है और अंतिम चरण में किन बातों का ध्यान रखना है. जब इस तरह से योजना बनाकर कार्य को आरंभ करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी.


योजना का खुलासा न करें
चाणक्य के अनुसार किसी बड़े कार्य की योजना का तब खुलासा नहीं करना चाहिए जब तक कि वह पूर्ण न हो जाए. कार्य पूर्ण होने से पूर्व योजना को बताने से हानि भी उठानी पड़ सकती है. शत्रु या जो आपके प्रतिद्वंदी हैं वे इसका लाभ अपने हित के लिए कर सकते हैं जिस कारण हानि भी उठानी पड़ सकती है.


विश्वास पात्र लोगों का समूह बनाएं
चाणक्य के अनुसार जीवन में बड़ी सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है कि विश्वास पात्र लोगों की संख्या कितनी है. विश्वास पात्र लोगों की मदद से ही जीवन में बड़े कार्यों को किया जा सकता है. जब तब विश्वास पात्र लोगों का समूह नहीं होगा तब तक बड़ी सफलता में अड़चन आती रहेगी. ये विश्वास पात्र आपके मित्र और आपके अधिनस्थ भी हो सकते हैं.


संसाधनों का सही प्रयोग
चाणक्य के अनुसार किसी भी नए कार्य को आरंभ करने से पहले अपने संसाधनों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. कार्य को पूर्ण करने में इन संसाधनों का सही प्रयोग बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. संसाधनों का बहुत सोच समझ कर और रणनीति बनाकर प्रयोग करना चाहिए. तभी सफलता मिलती है.


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