Chanakya Niti Hindi: चाणक्य एक विद्वान होने के साथ एक योग्य चिंतक और समाजशास्त्री भी थे. वे स्वयं एक शिक्षक भी थे. मनुष्य के जीवन को प्रभावित करने वाले प्रत्येक कारकों का चाणक्य ने बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था. चाणक्य ने अपने अनुभव और ज्ञान से यह ज्ञात किया कि जिस व्यक्ति के घर में शांति और आपसी सामंजस्य नहीं होता है वह व्यक्ति सदैव मानसिक तनाव और अज्ञात भय से पीड़ित रहता है.


ऐसा होना चाहिए घर का माहौल
लक्ष्मी और माता सरस्वती उसी घर में रहना पसंद करती हैं जहा पर अच्छे विचारों से पूर्ण व्यक्ति निवास करते हैं. जहां पर कलह, मनमुटाव और बात बात पर वाद विवाद की स्थिति बने उस स्थान को लक्ष्मी और माता सरस्वती बहुत त्याग देती हैं. भौतिक युग में इन दोनों देवी के आर्शीवाद के बिना जीवन कठिनाईयों से भर जाता है. इसलिए घर का वातावरण कभी दूषित नहीं करना चाहिए. घर के सभी सदस्यों को मिलजुल कर प्यार से रहना चाहिए.


पति और पत्नी के बीच मधुर होने चाहिए संबंध
उस घर में सफलता और समृद्धि कभी नहीं आती है जिस घर में पति और पत्नी के संबंध अच्छे नहीं होते हैं. दांपत्य जीवन में मधुरता न होने से आपसी तालमेल की कमी आती है. चाणक्य के अनुसार जब ऐसी स्थिति आने लगे तो घर की सकारात्मक ऊर्जा नष्ट होने लगती है और घर की शांति चली जाती है.


घर में एक दूसरे का सम्मान करें
घर में रहने वाले छोटे और बड़ों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए. सम्मान में कमी आने पर घर का तानाबाना बिखरने लगता है. जब छोटे और बड़ों में सम्मान की कमी आने लगे तो समझ लें कि ये स्थिति भविष्य को लेकर अच्छी नहीं है. इसलिए जिम्मेदार व्यक्ति को तुरंत कदम उठाने चाहिए. घर में एक दूसरे को सम्मामन और स्नेह देने से किसी का अहम नष्ट नहीं होता है. इस बात को सदैव ध्यान में रखना चाहिए. जिस घर में सभी को प्यार और स्नेह दिया जाता है और सभी मिलजुल कर रहते हैं वहां रहने वाले सदैव प्रगति करते हैं.


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