Chanakya Niti Hindi: चाणक्य की शिक्षाओं में जीवन का दर्शन छिपा हुआ है. चाणक्य ने ज्ञान और अनुभव से जो भी कुछ जाना और समझा उसे चाणक्य नीति में दर्ज किया. चाणक्य ने हर उस विषय पर चर्चा की है जो मनुष्य को प्रभावित करती हैं. चाणक्य की शिक्षाएं व्यक्ति को प्रभावित करती हैं.


चाणक्य द्वारा बताई गईं बातें व्यक्ति को सफल बनाने की के लिए प्रेरित करती हैं. चाणक्य की कहीं हुई बातें जीवन के हर मोड पर काम आती हैं. अपने ज्ञान और दर्शन के कारण ही चाणक्य इतिहास के सबसे प्रभावशाली व्यक्तिओं में से एक माने जाते हैं. चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में गुणों की चर्चा की है. चाणक्य के अनुसार जिन लोगों में ये गुण पाए जाते हैं वे सभी के प्रिय होते हैं. ऐसे व्यक्ति जीवन में सम्मान और सफलता दोनों प्राप्त करते हैं.


कोकिलानां स्वरो रूपं स्त्रीणां रूपं पतिव्रतम्
विद्या रूपं कुरूपाणां क्षमा रूपं तपस्विनाम्।


चाणक्य ने इस श्लोक के माध्यम से बहुत ही गहरी बात को समझाने का प्रयास किया है. चाणक्य के इस श्लोक का अर्थ ये है हि कोयल की पहचान उसकी मीठी बोली है. स्त्री का सौंदर्य उसका पतिव्रत धर्म है. कुरूप व्यक्ति की सुंदरता विद्या है और तपस्वियों की शोभा उनकी क्षमाशीलता है.


चाणक्य ने इस श्लोक के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया है कि कोयल यदि मीठी बोली नहीं बोलेगी तो उसे कोई पसंद नहीं करेगा. क्योंकि मीठी बोली ही कोयल का गुण है. मीठी बोली से कोयल दूसरों को प्रभावित करती है. इसी प्रकार मीठी बोली से किसी को भी अपना बनाया जा सकता है. इसी प्रकार से अगर विद्या और ज्ञान है तो कुरूपता भी सुंदर लगने लगती है. क्षमाशील व्यक्ति ही तपस्वी कहलाते हैं. क्षमा करना एक श्रेष्ठ गुण है. इन गुणों को जो अपने भीतर समाहित कर लेता है, वह जीवन में सफलता प्राप्त करता है.


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