Chanakya Niti Hindi: करवा चौथ का पर्व आने वाला है. 4 नवंबर 2020 को करवा चौथ व्रत है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. करवा चौथ का पर्व पति और पत्नी के मजबूत रिश्ते को समर्पित है. चाणक्य के अनुसार ये रिश्ता प्यार, समर्पण और विश्वास पर टिका है. जब इन तीनों में से किसी भी एक चीज में कमी आती है दांपत्य जीवन में परेशानियां आना आरंभ हो जाती हैं. समय रहते यदि इन परेशानियों को दूर न किया जाए तो जीवन कष्ट से भर जाता है.


चाणक्य नीति के अनुसार पति और पत्नी का रिश्ता जितना मजबूत है उतना ही नाजुक भी है. जब इस रिश्ते में विश्वास की कमी आने लगती है तो परेशानियां पैदा होने लगती हैं. पति- पत्नी के रिश्ते में विश्वास की कमी तब आती है जब गलतफहमी शुरू हो जाती है. पति और पत्नी के रिश्ते में गलतफहमी के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए. इसलिए चाणक्य की इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए.


पति- पत्नी के रिश्ते में नहीं होनी चाहिए संवादहीनता
चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी के रिश्ते के बीच कभी भी संवादहीनता नहीं होनी चाहिए. बातचीत के एक सुखद माहौल हमेशा बना रहना चाहिए. संवाद में जब कमी आती है तो गलतफहमी की बीज अंकुरित होने लगता है. जो धीरे-धीरे एक विशाल वृक्ष का रूप लेने लगता है. चाणक्य के अनुसार वाद विवाद की स्थिति में भी कभी बातचीत बंद नहीं करनी चाहिए. क्योंकि बातचीत से बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है.


प्रेम और समर्पण की भावना में न आने दें कमी
चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी के रिश्ते में प्रेम का स्थाना हमेशा बना रहना चाहिए. इसमें कभी भी कमी नहीं आने देना चाहिए. प्रेम तब पनपता है जब समर्पण की भावना जागृत हो. समर्पण के बिना प्रेम की कल्पना पूरी नहीं होती है. प्रेम इस रिश्ते को अटूट बनाता है. चाणक्य के अनुसार प्रेम एक दूसरे के प्रति आदर और सम्मान से आता है. चाणक्य नीति कहती है कि प्रेम किसी भी रिश्ते की प्रथम शर्त है. जिस रिश्ते में पे्रम न हो वह रिश्ता अधिक समय तक नहीं चलता है. इसलिए सुखद दांपत्य जीवन जीना चाहते हैं तो चाणक्य की इन बातों को भी न भूलें.


Karwa Chauth 2020: क्या होती है सरगी, करवा चौथ के व्रत में क्यों है यह महत्वपूर्ण