Chanakya Niti Hindi: चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को संबंधों के मामलों में सदैव सर्तक रहना चाहिए. आचार्य चाणक्य की गिनती देश के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य ने समाज और व्यक्ति को प्रभावित करने वाली प्रत्येक चीज का बहुत ही सूक्ष्मता से अध्ययन किया और उसके आधार पर बनाई गई नीतियों को अपनी चाणक्य नीति में स्थान दिया.


चाणक्य नीति कहती है कि दूसरों पर अधिक भरोसा करना कभी कभी बहुत घातक हो जाता है. चाणक्य के अनुसार व्यक्तियों के चयन में सदैव सावधानी और सर्तकता बरतनी चाहिए. अपने आसपास सच्चे और अच्छे लोगों को ही रखना चाहिए. चाणक्य की ये बात आज के दौर में इसलिए भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है क्योंकि आज व्यक्ति दूसरों के बर्ताव से अधिक पीड़ित है. क्योंकि जब कोई करीबी धोखा देता है तो व्यक्ति को गहरा सदमा लगता है जिससे उभरना आसान नहीं होता है. इसलिए चाणक्य की इस बात को जीवन में उतार लेना चाहिए-


सच और झूठ का अंतर समझना चाहिए
नुकसान से तभी बचा जा सकता है जब व्यक्ति सच और झूठ का अंतर अच्छे ढंग से समझता है. यदि झूठ और सच का अंतर समझ में नही आता है तो कोई भी व्यक्ति आपका इस्तेमाल अपने हितों के लिए कर सकता है. इसलिए हर बात को अच्छे ढंग से समझने के बाद ही प्रतिक्रिया देनी चाहिए.


कितना ही करीबी क्यों न हो धैर्य न खोएं
गंभीर बातों पर तुरंत भरोसा नहीं करना चाहिए. कितना ही करीबी क्यों न हो तुरंत विश्वास करना अच्छा नहीं होता है. बात सुनने के बाद उसकी पड़ताल जरूर करनी चाहिए. पड़ताल के परिणाम आने के बाद ही उत्तर देना चाहिए. इसके साथ ही जो व्यक्ति धन और प्रतिष्ठिा को देखकर मित्रता या संबंध बनाने की कोशिश करें उससे सदैव सावधान रहना चाहिए. क्योंकि चाणक्य नीति कहती है कि ऐसे व्यक्ति धन और प्रतिष्ठिा जाने पर अपने व्यवहार में परिवर्तन ले आते हैं. ऐसे मित्र और रिश्तेदार की पहचान ऐसी ही स्थिति में होती है.


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