नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य भारत की महान विभूतियों में एक रहे हैं. उनकी दूरदृष्टि, सूझबूझ और राजनीतिक समझ ही मौर्य सम्राज्य की स्थापना का आधार बनी है. उनके द्वारा रचित अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि का महान ग्रंन्थ है.


आचार्य चाणक्य की शिक्षाएं आज भी मानव जाति को राह दिखा रही है. चाणक्य नीतियां वर्तमान वक्त में भी बेहद कारगर हैं. चाणक्य नीतियों में मानव समाज से जुड़ी हर समस्या का समाधान मौजूद है. चाणक्य नीति में सफलता का मंत्र छिपा  है. अगर व्यक्ति चाणक्य नीतियों का पालन अच्छे से करे तो वह किसी भी परेशानी से आसानी से बाहर आ सकता है. चलिए जानते हैं चाणक्य की कुछ नीतियों के बारे में.


दुख किसी के सामने जाहिर न करें
आचार्य चाणक्य की नीति के मुताबिक हमें कभी भी अपनी दुख की बातें किसी के सामने जाहिर नहीं करना चाहिए. अपना दुख दूसरों के सामने जाहिर करने से हो सकता है कि लोग आपकी भावनाओं को न समझे और आपका मजाक बना दें. अगर किसी बुरी परिस्थित में आपके साथ ऐसा होता है तो इससे आपका दुख और बढ़ जाएगा.


आमदनी को ध्यान में रखकर करें खर्च
चाणक्य नीति के मुताबिक जो इंसान अपनी आमदनी को ध्यान में रखते हुए खर्च करते हैं वह जीवन में खुश रहते हैं. ऐसे लोगों को धन संबंधी परेशानी से जूझना नहीं पड़ता है. वह व्यक्ति जो आय से अधिक खर्च करते हैं ऐसे लोग जीवन भर दुखी रहते हैं.


कार्य शुरू करन से पहले अच्छे-बुरे के बारे में सोचें
चाणक्य नीति के मुताबिक किसी भी कार्य के शुरू करने से पहले इंसान को उसके अच्छे और बुरे हर पक्ष पर विचार करना चाहिए. जो इंसान ऐसा करते हैं वह जीवन में कभी किसी परेशानी में नहीं फंसते हैं. चाणक्य नीति के मुताबिक इंसान को बिल्कुल सीधा नहीं होना चाहिए.


 बीती बातों पर न पछताएं
चाणक्य नीति के मुताबिक व्यक्ति को कभी भी अपने बीते हुए वक्त पर पछताना नहीं चाहिए. बल्कि अपनी पुरानी गलतियों से सीख लेनी चाहिए. ताकि वह भविष्य में उन गलतियों को न दोहराए.


आत्मविश्वास
किसी भी संकट से उभरने के लिए आत्मविश्वास का बना रहना बहुत ही जरुरी है. बड़े- बड़े युद्ध संसाधनों से नहीं बल्कि आत्मविश्वास जीते गए हैं, इसलिए संकट के समय धैर्य और आत्मविश्वास ही व्यक्ति की सबसे बड़ी पूंजी होती है.