Chanakya Niti: कौटिल्य चाणक्य का दूसरा नाम है. इनकी रीति-नीति और धर्म संबंधी व्याख्या इतनी गहरी और अचूक है कि हर मनुष्य को जीवन जीने की सही राह दिखाती है. चाणक्य के अनमोल विचार कठिन राहों को आसान बनाती है. बच्चों को लेकर चाणक्य ने कई नीतियां बताई है.


चाणक्य ने बच्चों को अपने जीवन में शुरुआत से कुछ खास बातें अपनाने की बात कही है. इनके बल बूते पूरा जीवन संवर जाता है, इनका अनुसरण करने पर वर्तमान के साथ भविष्य में भी सफलता मिलती है. बाल दिवस (Childrens Day 2022) के मौके पर आइए जानते हैं छात्र जीवन से जुड़ी चाणक्य नीति.


चाणक्य के अनुसार छोटे बच्चे कच्ची मिट्‌टी के समान होते हैं. इनकी दिशा को संवारने का पहला कार्य माता पिता का होता है. एक बालक को अच्छे संस्कार बालपन से ही दिए जाते हैं. माता पिता शुरुआत से ही जागरुक और अपने कर्तव्य का पालन करेंगे तो संतान योग्य बनेगी. इसके लिए जरूरी है बच्चों की शिक्षा के साथ उन्हें प्रारंभ से ही अच्छे संस्कार दिए जाएं.


सच दिलाएगा सफलता


माता-पिता जैसा व्यवहार करते है बच्चे वही सीखते हैं. बच्चों के सामने कभी झूठ का सहारा न लें. झूठ बोलने की आदत बच्चों की प्रतिभा और विकास को प्रभावित करता है. बच्चों की यही आदत उन्हें भविष्य में दिक्कत देती है क्योंकि एक झूठ के पीछे सौ झूठ का सहारा लेना पड़ता है. बच्चों को हमेशा सच बोलने के लिए प्रेरित करें. सच बच्चों को सफलता की राह पर ले जाता है. सच हमेशा साथ देता है लेकिन झूठ कभी भी धोखा दे सकता है.


आलस से करें परहेज


आलस कामयाबी की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है. छात्र जीवन में आलस कई प्रकार के रोग और अवगुणों का कारक है. बच्चे अपनी प्रतिभा पर भरोसा करें. बच्चों को आरंभ से ही परिश्रम के महत्व के बारे में बताना चाहिए. मेहनत से ही बड़ी सफलता प्राप्त होती है.  आलस छात्र जीवन में जहर घोल देता है. ये शत्रु के समान है.


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