Chanakya Niti: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है. लोग अपना पूरा समय घरों में बिता रहे हैं. कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए यही सबसे कारगर उपाय है. चाणक्य नीति कहती है जब व्यक्ति को घर पर ही पूरा समस बिताने का अवसर मिले तो उसे आत्मचिंतन करना चाहिए और भविष्य के लिए खुद को तैयार करना चाहिए. यही इस समय का सही सदुपयोग है.


चाणक्य नीति कहती है व्यक्ति को स्वयं के लिए भी समय निकालना चाहिए. स्वयं से बात करने से व्यक्ति अपने भूत और भविष्य के बारे में गंभीरता से विचार करता है. जो व्यक्ति ऐसे करते हैं, वही समाज में अपने आप को बेहतर ढंग से स्थापित कर पाते हैं.


इन बातों पर जरुर दें ध्यान


खतरा टलने तक नहीं निकलना चाहिए बाहर: चाणक्य के अनुसार जब अदृश्य शत्रु का भय व्याप्त हो जाता है तो व्यक्ति को घर में अपने आप को सुरक्षित कर लेना चाहिए. ऐसा तब तक करना चाहिए जबतक शत्रु का संकट पूरी तरह से टल न जाए.


घर पर रहकर करें आत्मचिंतन: व्यक्ति जब घर रहता है और उसके पास समय अधिक होता है तो इस समय को आत्मशुद्धि के लिए प्रयोग करना चाहिए. व्यक्ति को धर्म और आस्था पर विचार मंथन करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा अहसास कराती है जो शत्रु से लड़ने में मददगार साबित होती है.


समाज की सुरक्षा करें: मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है लेकिन जब महामारी का संक्रमण काल आरंभ होता है तो सामाजिक दूरी बना लेना ही श्रेयकर होता है. कुछ दिनों के लिए अगर ऐसी स्थिति को अपना कर बड़े संकट को टाला जा सकता है तो ऐसा करने में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. स्वयं और समाज की रक्षा के लिए यही उत्तम उपाय है.


निराश न हों: संकट की घड़ी में व्यक्ति को निराश नहीं होना चाहिए. चाणक्य के अनुसार संकट से लड़ने के उपायों पर विचार करते रहना चाहिए. निराश होकर बैठने से संकट हावी हो सकता है. संकट की स्थिति में आत्मविश्वास ही व्यक्ति की सबसे बड़ी ताकत होती है. इसे गिरने नहीं देना चाहिए.


परिवार के बारे में सोचें: जिम्मेदार व्यक्ति के लिए उसका परिवार ही सबसे बड़ी पूंजी होती है. संकट की स्थिति में परिवार को सुरक्षित रखना बहुत जरुरी होता है ऐसे में इस दिशा में गंभीरता से विचार करते हुए हर वो संभव प्रयास किए जाने चाहिए जिससे कोई भी शत्रु हानि न पहुंचा सके.


चाणक्य नीति: जब शत्रु अदृश्य हो तो छिप जाने में ही भलाई है